ड्रेन निर्माण कार्य का द्वारकावासी कर रहे विरोध

जागरण संवाददाता पश्चिमी दिल्ली इंदिरा गांधी अंतररराष्ट्रीय एयरपोर्ट की ड्रेन को द्वारका सेक्

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Feb 2021 09:08 PM (IST) Updated:Wed, 10 Feb 2021 09:08 PM (IST)
ड्रेन निर्माण कार्य का द्वारकावासी कर रहे विरोध
ड्रेन निर्माण कार्य का द्वारकावासी कर रहे विरोध

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : इंदिरा गांधी अंतररराष्ट्रीय एयरपोर्ट की ड्रेन को द्वारका सेक्टर-8 स्थित सीआरपीएफ कैंप के पीछे बने ए-2 ट्रंक ड्रेन से जोड़ने के लिए डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) द्वारा एक नई ड्रेन के निर्माण कार्य की योजना को पारित किया है। यह निर्माण कार्य द्वारका सेक्टर-8, डी-ब्लाक स्थित पार्क में 12 हजार वर्ग मीटर के अंतर्गत 500 पेड़ों को काटकर किया जाना है। स्थायी निवासी व मानवता फाउंडेशन के सदस्य अमित कुमार ने बताया कि दिल्ली में पांच सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में द्वारका सेक्टर-8 भी शामिल है। यदि निर्माण कार्य के चलते ये 500 पेड़ काटे जाते है तो प्रदूषण स्तर और बढ़ेगा, जिसके बाद लोगों के लिए सांस लेना तक दुभर हो जाएगा। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय इंदिरा गांधी एयरपोर्ट नजदीक होने के कारण द्वारका सेक्टर-8 इलाके से थोड़े-थोड़े अंतराल पर 100 मीटर की ऊंचाई पर हवाई जहाज गुजरते रहते है। इस दौरान होने वाले शोर से लोग पहले ही काफी परेशान रहते हैं। हालांकि आसपास पेड़-पौधे व हरियाली होने के कारण शोर से थोड़ी राहत मिलती है, क्योंकि पेड़ प्राकृतिक ध्वनि पर्यवेक्षक है। यदि निर्माण कार्य के चलते ये 500 पेड़ कट जाते हैं तो शोर के चलते लोगों का जीना मुश्किल हो जाएगा। क्षेत्र में ये फिलहाल एक अकेला ऐसा पार्क है, जहां द्वारका सेक्टर-8 के साथ शाहबाद मोहम्मदपुर गांव, बागडौला, कृष्णा कुंज व राजनगर पार्ट-2 से लोग आते है। यदि पार्क का 30 फीसद हिस्सा भी निर्माण कार्य के तहत कब्जे में ले लिया जाएगा तो 20 हजार की आबादी इससे प्रभावित होगी। पहले ही क्षेत्र में ए-ब्लाक के पार्क को स्पो‌र्ट्स कांप्लेक्स के निर्माण कार्य के तहत डीडीए ने कब्जे में कर लिया है और नाले के किनारे बने पार्क में बदबू के कारण लोग जाने से परहेज करते है। ऐसे में स्वस्थ समाज के सपने को कैसे मजबूती मिलेगी। इस बाबत डीडीए के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें समस्याओं से अवगत किया गया है। साथ ही उन्हें निर्माण कार्य के लिए वैकल्पिक रास्ता भी सुझाया है, जिसमें कम से कम पेड़ों को काटने की जरूरत पड़ेगी। पर अधिकारियों का कहना है कि निर्माण कार्य का टेंडर पारित हो चुका है, ऐसे में दोबारा से उसी प्रक्रिया को दोहराना संभव नहीं है। स्थानीय निवासियों ने क्षेत्रीय निगम पार्षद सुषमा गोदारा को समस्या से अवगत किया। उन्होंने इस बाबत डीडीए अधिकारियों से बात करने का आश्वासन दिया है। अमित कुमार ने बताया कि अब तक लोग डीडीए को आनलाइन 200 शिकायतें दे चुके है। इसके अलावा दिल्ली के उपराज्यपाल और दक्षिण-पश्चिमी जिला उपायुक्त को भी शिकायत दी है। इसके अलावा जल्द ही एनजीटी व सांसद रमेश बिधूड़ी को भी इस बाबत शिकायत दी जाएगी।

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