बनकर तैयार रावण के पुतले अब जुड़ने को है तैयार

जागरण संवाददाता पश्चिमी दिल्ली देर से ही सही लेकिन दशहरे मनाने की मिली अनुमति के बाद पुतला बाजार में रौनक का माहौल है। खास बात यह है कि सीमित समय में कारोबारियों ने अन्याय व अत्याचार के प्रतीक रावण के फोटो संख्या 23 यूटीएम 3

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 04:49 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 04:49 PM (IST)
बनकर तैयार रावण के पुतले अब जुड़ने को है तैयार
बनकर तैयार रावण के पुतले अब जुड़ने को है तैयार

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : देर से ही सही लेकिन दशहरा मनाने की मिली अनुमति के बाद पुतला बाजार में चहल-पहल है। खास बात यह है कि सीमित समय में कारोबारियों ने अन्याय व अत्याचार के प्रतीक रावण के पुतले को करीब-करीब तैयार कर लिया है। कारोबारियों ने बताया कि शनिवार तक वे अपना पुतला तैयार कर लेंगे। कई टुकड़ों में बने रावण के पुतले अब जुड़ने को बेताब बैठे हैं। कारीगरों ने बड़े जतन से इन पुतलों को बनाया है, जो अब आयोजन स्थल पर जाने को तैयार हैं। पुतला कारोबारियों का कहना है कि पिछले दो सप्ताह के भीतर दिन-रात मेहनत कर उन्होंने पुतलों का निर्माण किया है। अब जबकि पुतले बनकर तैयार हैं कारीगरों को संतोष हो रहा है। हालांकि रावण जलने से कुछ घंटे पहले तक भी उसे अंतिम रूप देने का काम चलता रहता है।

कारीगरों ने बताया कि रावण का पुतला अनेक हिस्सों में बांटकर बनाया जाता है। पुतले के छह हिस्से होते हैं। इनमें मुकुट, चेहरा, धड़, घाघरा, पैर व जूती शामिल हैं। दशहरा के लिए जब आयोजक इन पुतलों को लेकर जाएंगे तो इन्हें यहां से टुकड़ों में ही ले जाया जाएगा। आयोजन स्थल पर इन हिस्सों को आपस में जोड़ दिया जाएगा जिसके बाद रावण का असली चेहरा नजर आएगा। कारीगरों ने बताया कि पुतले का सबसे लंबा हिस्सा धड़ होता है। 50 फीट ऊंचे रावण के पुतले में करीब एक चौथाई लंबाई धड़ की होती है। धड़ के बाद सबसे लंबा हिस्सा घाघरा का होता है। यह करीब 10 फीट की होती है। सबसे छोटा हिस्सा मुकुट व हाथ का होता है। रावण के पुतले में इस बार एक और चीज खास है वह है दो सिर वाले रावण का पुतला। कारीगर यसीम बताते है कि इस बार समय कम होने के कारण रावण के पुतले में कुछ आकर्षक कारीगरी करने का अवसर तो नहीं मिल पाया, लेकिन पुतला बाजार में इस बार दो मुंह वाला रावण आकर्षण का केंद्र है। हालांकि यह सभी पुतले ऑर्डर पर तैयार किए जा रहे हैं। कारीगरों ने बताया कि कई आयोजकों ने इस बार रावण के पुतले के हाथों में तलवार की बजाय कोरोना वायरस देने की मांग की है, तो कुछ ने पुतले को मास्क पहनाने की बात कहीं है ताकि वे समाज में कोरोना वायरस के खिलाफ जागरूकता फैला सकें। एक-दूसरे को देखकर समितियां अब दशहरे पर रावण दहन का मन बना रही है। इसके लिए कई समितियों ने प्रशासन से अनुमति के लिए अर्जी दायर की है। कारोबारियों ने बताया कि रावण के पुतले पर लंबी-लंबी मूंछ बनाई जाती है। वहीं दो सिर वाले रावण में आगे-पीछे दोनों तरफ आंख, नाक व मुंह बना दिया गया है ताकि आगे और पीछे से देखने पर लोगों को एक सामान अनुभूति हो। कारीगर यसीम ने बताया कि दो मुंह वाले रावण जहां 30 हजार का है।

chat bot
आपका साथी