निजी सार्वजनिक वाहन संचालकों ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार

लॉकडाउन के चलते निजी बसों के संचालकों से लेकर छोटे सार्वजनिक वाहनों के संचालक तक आíथक संकट के शिकार हो गए हैं। इनका कहना है कि सरकार मदद करे नहीं तो ये लोग बर्बाद हो जाएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 10:01 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 10:23 PM (IST)
निजी सार्वजनिक वाहन संचालकों ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार
निजी सार्वजनिक वाहन संचालकों ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार

राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली : लॉकडाउन के चलते निजी बसों के संचालकों से लेकर छोटे सार्वजनिक वाहनों के संचालक तक आíथक संकट के शिकार हो गए हैं। इनका कहना है कि सरकार मदद करे, नहीं तो ये लोग बर्बाद हो जाएंगे। इस समस्या को लेकर इन लोगों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से गुहार लगाई है कि दिल्ली सरकार उनके लिए आíथक पैकेज की घोषणा करे। निजी सार्वजनिक वाहन संचालकों का कहना है कि जिस तरह देश के 23 राज्यों ने छह माह के लिए वाहनों से संबंधित विभिन्न प्रकार की फीस माफ की है, उसी तरह दिल्ली में भी माफ की जाए अन्यथा वे लोग अपने वाहन सड़क पर नहीं उतार सकेंगे।

एसटीए ऑपरेटर्स एकता मंच ने दिल्ली सरकार से बसों के सभी तरह के टैक्स माफ करने की गुहार लगाई है। मंच के अध्यक्ष सुरेंद्र पाल सिंह व महासचिव श्याम लाल गोला ने बताया कि राजस्थान, पंजाब सहित 23 राज्यों ने बसों के रोड टैक्स सहित सभी टैक्स माफ किए हैं, लेकिन दिल्ली सरकार ने एक भी पैसे की राहत नहीं दी है। दिल्ली में निजी बसों की संख्या करीब 17 हजार है। गोला ने कहा कि हमारे 8675 निजी वाहन (आर टी वी, मेट्रो फीडर, ग्रामीण सेवा, फट-फट सेवा, इको फ्रेंडली, मैक्सी कैब) आज सड़कों पर नहीं चल पा रहे हैं। ऐसे में हमारे परिवार रोजी-रोटी तक के लिए मोहताज हो रहे हैं। ये वाहन शारीरिक दूरी के नियम व दिल्ली में पर्याप्त सवारी न मिल पाने के कारण आज तक सड़कों से हट कर दूर खड़े हैं। गोला ने कहा कि एक ओर तो सरकार डी टी सी व क्लस्टर बसों को दिल्ली की सड़कों पर खाली दौड़ा कर इनको पूरा राजस्व व आíथक सहायता दे रही है, वहीं निजी वाहन मालिक जो करीब 4 माह से भुखमरी झेल रहे हैं उनकी सरेआम उपेक्षा की जा रही है। इस बारे में कैपिटल ड्राइवर वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष चंदू चौरसिया ने भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है।

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