पूजा तिवारी सुसाइडः आरोपी के कबूलनामे के बाद पुलिस पर उठे सवाल

हरियाणा पुलिस के निलंबित इंस्पेक्टर अमित कुमार का रिमांड पेपर पुलिस की जांच पर सवाल खड़े कर रहा है। चार दिन की रिमांड मे पुलिस उसके केवल बयान ही दर्ज कर पाई है।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 11 May 2016 08:22 AM (IST) Updated:Thu, 12 May 2016 07:34 AM (IST)
पूजा तिवारी सुसाइडः आरोपी के कबूलनामे के बाद पुलिस पर उठे सवाल

फरीदाबाद। अदालत मेंं पेश किए गए हरियाणा पुलिस के निलंबित इंस्पेक्टर अमित कुमार का रिमांड पेपर पुलिस की जांच पर सवाल खड़े कर रहा है। चार दिन की रिमांड मे पुलिस उसके केवल बयान ही दर्ज कर पाई है। पुलिस ने पंचकूला से पूजा के मोबाइल और लैपटॉप बरामद करने की बात कहकर अदालत से चार दिन का रिमांड मांगा था, जबकि यह दोनोंं सामान पूजा के भाई सौरभ तिवारी ने पुलिस को सौंपे।

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वहीं, वकील सतेंंद्र भड़ाना का कहना है कि इस मामले मे पुलिस अमित से अभी कोई महत्वपूर्ण तथ्य नहींं जुटा पाई है। ऐसे में अमित का रिमांड बढ़ाने के लिए अपील न करना समझ से परे है। पुलिस ने अदालत से सीधे न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की। पुलिस ने अमित को मुख्य दंडाधिकारी तरुण की अदालत में पेश किया।

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इंस्पेक्टर का कूबलनामा

यहां पर याद दिला दें कि पत्रकार पूजा तिवारी की संदिग्ध मौत मामले में गिरफ्तार पुलिस इंस्पेक्टर अमित कुमार ने पूछताछ में बताया है कि घटना वाले दिन पूजा से दो बार उसका झगड़ा हुआ था और दूसरी बार हुए झगड़े के बाद पूजा ने तैश में आकर आत्महत्या कर ली थी।

नही हैं ऑडियो क्लिप के बारे मेंं बयान

इस मामले में सोशल मीडिया पर वायरल हुए पूजा, अमित और भरत की मोबाइल बातचीत के ऑडियो को लेकर रिमांड पेपर मे अमित का बयान होना भी सवालोंं के घेरे मेंं है, जबकि इस ऑडियो ने पुलिस की जांच की दिशा ही बदल दी थी। इसके अलावा रिमांड पेपर में सुसाइड नोट को लेकर भी अमित के कोई बयान पुलिस ने अदालत को नहींं सौंंपे हैं, जबकि यह सुसाइड नोट भी इस मामले की जांच में अहम भूमिका निभाएगा।

यह है अमित का बयान

'मैं पूजा तिवारी को करीब पांच साल से जानता हूं। पांच साल से मेरा इसके साथ आना जाना था। हम आपस में काफी घुलमिल गए थे। एनआइटी और सद्भावना अपार्टमेंट सेक्टर-46 में एक साथ रहते थे। मेरी अपने मोबाइल से पूजा के मोबाइल पर अक्सर बातचीत होती थी। कई बार मैं इंदौर पूजा के गांव भी गया। एक मई की रात करीब 8 बजे पूजा के फ्लैट पर गया था। उसके बाद मैं फरीदाबाद अपने दोस्तोंं से मिलने के लिए निकल गया। करीब 11.30 बजे मैं फिर से पूजा के फ्लैट पर गया और घूमने के लिए नीचे पार्क में आ गया। इसी दौरान पूजा तिवारी भी नीचे पार्क में आ गई। वहां पर हमारा किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया। हम झगड़ा होने के बाद वापस फ्लैट में चले गए। पूजा तिवारी तथा आमरीन खान फ्लैट पर मौजूद थे। आमरीन खान रात करीब एक बजे अपने कमरे में सोने के लिए चली गई। पीछे से पूजा के साथ मेरा झगड़ा हो गया और पूजा ने तैश में आकर फ्लैट की बालकनी से नीचे छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली।'

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'हमने अमित पर बहुत अधिक विश्वास किया था, उसने विश्वासघात किया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ऑडियो से हमें पता चला कि अमित हमारी बेटी को बहुत अधिक प्रताड़ित करता था। इसी के कारण पूजा ने आत्महत्या कर ली'।

पत्रकारोंं के गले नहींं उतर रही पुलिस की कहानी

पूजा तिवारी मामले में पुलिस की जांच देशभर के पत्रकार संगठनोंं के गले नहींं उतर रही है। मंगलवार को देशभर से पत्रकारोंं ने एकत्र होकर सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय पर प्रदर्शन किया।

उन्होंंने पैदल मार्च निकालकर पूजा तिवारी मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग रखी। हालांकि, इस मामले में सोमवार को सिटी प्रेस क्लब फरीदाबाद मुख्यमंत्री से एसआइटी गठित कराने की मांग कर चुका है। अब सभी पत्रकार इस मामले में सीबीआइ जांच की मांग पर अड़ गए हैं।

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