सहानुभूति के लिए देवांगना ने किया था मीडिया ट्रायल : दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य व जेएनयू की छात्रा देवांगना कलिता की याचिका पर शपथ पत्र के साथ जवाब दाखिल किया है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
दिल्ली पुलिस ने पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य व जेएनयू की छात्रा देवांगना कलिता की याचिका पर शपथ पत्र के साथ जवाब दाखिल किया है। इसमें कहा है कि सहानुभूति हासिल करने व लोगों की राय बनाने के लिए उसने खुद ही मीडिया ट्रायल किया था। यही नहीं उसने सोशल मीडिया पर भी जानकारी डाली थी, जबकि जांच एजेंसी ने ने कलिता पर लगाए गए आरोपों व उसके खिलाफ जुटाए गए सुबूतों की चुनिंदा जानकारी ही मीडिया को दी थी।
दो जून को जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति पर पुलिस ने कहा कि यह तथ्यों को सिर्फ सही दिशा में पेश करने का प्रयास था। इसमें सिर्फ घटना की स्थिति से आम नागरिकों को अवगत कराया गया था। पत्रकारों व आम नागरिकों को सही जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है। डीसीपी डॉ. राम गोपाल नायक की तरफ से शपथ पत्र अधिवक्ता अमित महाजन ने न्यायमूर्ति विभू बाखरू की पीठ के समक्ष दाखिल किया। इसमें पुलिस ने कहा कि कलिता और उसका संगठन सोशल मीडिया का सहानुभूति हासिल करने के लिए इस्तेमाल कर रहा था। कलिता की गिरफ्तारी भी बड़े पैमाने पर प्रकाशन की सामग्री बनी और इसमें बहुत सी जानकारी उनके द्वारा व उनसे जुड़े संस्थानों द्वारा जारी की गई। याचिका पर अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी।
कलिता की याचिका पर हाई कोर्ट ने पिछली तारीख पर पिंजरा तोड़ ग्रुप के अन्य सदस्यों के खिलाफ किसी भी तरह की जानकारी मीडिया या सोशल प्लेटफॉर्म पर देने पर रोक लगा दी थी। याचिका में उसने कहा था कि क्राइम ब्रांच के अधिकारी मानमाने तरीके से गलत जानकारी लीक कर रहे हैं। इन जानकारियों के वायरल होने से उनके परिवार वालों की जान पर खतरा हो सकता है। जांच के दौरान या फिर जांच के बाद की कोई भी जानकारी मीडिया या फिर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर न दी जाए।