एम्स में कूल्हा प्रत्यारोपण के नौ घंटे बाद ही मरीज को मिली अस्पताल से छुट्टी

एम्स में कूल्हा प्रत्यारोपण के नौ घंटे बाद ही मरीज को मिली अस्पताल से छुट्टी एम्स मिली अस्पताल से छुट्टी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 10:37 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 10:37 PM (IST)
एम्स में कूल्हा प्रत्यारोपण के नौ घंटे बाद ही मरीज को मिली अस्पताल से छुट्टी
एम्स में कूल्हा प्रत्यारोपण के नौ घंटे बाद ही मरीज को मिली अस्पताल से छुट्टी

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :

कोरोना के इस दौर में इलाज का तौर तरीका बदल रहा है। इसी क्रम में देश में पहली बार एम्स में ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे 26 वर्षीय युवक को अस्पताल में भर्ती किए बगैर सर्जरी कर कृत्रिम कूल्हे का प्रत्यारोपण किया गया। खास बात यह है कि सर्जरी के कुछ ही घंटों में डॉक्टरों ने मरीज को अपने पैरों पर खड़ाकर चलने का अभ्यास भी करा दिया। इससे मरीज को सर्जरी के नौ घंटे बाद ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इसलिए मरीज को एक दिन भी अस्पताल में भर्ती नहीं जरूरत नहीं पड़ी।

एम्स के ऑर्थोपेडिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश मल्होत्रा ने कहा कि अब इस तरह की सर्जरी को ही बढ़ावा दिया जाएगा। सामान्य तौर पर कूल्हा प्रत्यारोपण के बाद मरीज को दो से 10 दिन तक भर्ती रखना पड़ता है। ओपीडी के आधार पर सर्जरी करने और 12 घंटे के भीतर मरीज को अस्पताल से छुट्टी दिए जाने से इलाज का खर्च भी बचेगा। साथ ही अधिक मरीजों की सर्जरी भी हो सकेगी।

फिल्म अभिनेता सोनू सूद ने की मदद

डॉ. राजेश मल्होत्रा ने कहा कि मरीज सुमीर ओरांव सिलीगुड़ी के रहने वाले हैं। गठिया के कारण उनके दोनों कूल्हे खराब हो गए थे। एक कूल्हे की सर्जरी पहले किसी अन्य अस्पताल में हो चुकी है। फिल्म अभिनेता सोनू सूद की मदद से दूसरे कूल्हे की सर्जरी के लिए उन्हें दिल्ली लाया गया। मरीज को सोमवार सुबह ओपीडी में लाया गया था। सुबह करीब 8:45 बजे मरीज को ऑपरेशन थियेटर में ले जाया गया और सर्जरी की गई। इस दौरान मरीज के कूल्हे की खराब हड्डी व कार्टिलेज को काट कर कृत्रिम कूल्हा लगाया गया। सर्जरी के बाद मरीज को थोड़े समय के लिए कमरे में रखा गया। इसके बाद दोपहर एक से दो बजे के बीच मरीज को चलने व सीढि़यों पर चढ़ने का अभ्यास शुरू करा दिया गया और शाम को मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

उन्होंने कहा कि इस तरह की सर्जरी के लिए लंबे समय से प्रयास किया जा रहा था। दुनिया में कुछ ही जगहों पर कूल्हा प्रत्यारोपण की इस तरह सर्जरी की जा रही है। सामान्य तौर पर कूल्हा प्रत्यारोपण में मरीज के पिछले हिस्से में चीरा लगाकर सर्जरी की जाती है। इस वजह से काफी मांसपेशियों को काटना पड़ता है। लिहाजा, रक्त स्त्राव अधिक होता है और जख्म भरने में समय लगता है। इस मामले में मरीज को ऑपरेशन टेबल पर पीठ के बल सीधा लेटाकर आगे की तरफ चीरा लगाकर सर्जरी की गई। पिछले साल से इस तकनीक से एम्स में कूल्हा प्रत्यारोपण की सर्जरी शुरू कर दी गई है।

डे-केयर में होगी सर्जरी

उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण मरीजों के अस्पताल में भर्ती रहने से संक्रमण होने का खतरा बना हुआ है। इसके अलावा अस्पताल में बेड की भी कमी है और मरीजों का दबाव अधिक है। इसलिए डे-केयर की सुविधा शुरू की जाएगी। डे-केयर में मरीज को भर्ती कर सर्जरी की जाएगी और 12 घंटे के अंदर छुट्टी दे दी जाएगी।

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