योग्यता के आधार पर डॉक्टर को मेडिकल कोर्स में दिया जाए प्रवेश : हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट में एक दिलचस्प मामला सामने आया। एक महिला डॉक्टर को उस मेडिकल कोर्स में दाखिला दिया गया जिसके लिए उसने आवेदन ही नहीं किया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट में एक दिलचस्प मामला सामने आया। एक महिला डॉक्टर को उस मेडिकल कोर्स में दाखिला दिया गया, जिसके लिए उसने आवेदन ही नहीं किया। याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि डॉक्टर की योग्यता के आधार पर रोहतक मेडिकल कॉलेज में एमडी जनरल मेडिसिन कोर्स में सीट आवंटित की जाए।
न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने कहा कि महिला डॉक्टर को मानवीय या कंप्यूटर त्रुटि के कारण हुई गलती का शिकार नहीं बनाया जाना चाहिए। यह अनजाने में हुई गलती है। याचिकाकर्ता दुदुगुंटा विष्णु प्रिया ने नीट पीजी 2020-21 में ऑल इंडिया में 553वीं रैंक हासिल की थी और एमडी जनरल मेडिसिन के बजाय उन्हें गलती से एमडी माइक्रोबायोलॉजी सीट आवंटित कर दी गई थी।
कोर्ट के आदेश पर बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि सीट आसानी से उपलब्ध है और महिला डॉक्टर औपचारिकता पूरी कर सकती है। प्रिया के अधिवक्ता ने नौशाद अहमद खान ने कहा कि काउंसलिग के पहले दौर में याची को एमडी जनरल मेडिसिन कोर्स मुंबई मेडिकल कॉलेज आवंटित किया गया था। उन्होंने प्रवेश के लिए 1.12 लाख रुपये की ऑनलाइन फीस भी जमा की थी। हालांकि, अपनी सीट को अपग्रेड करने और एक बेहतर कॉलेज चुनने के लिए उन्होंने 11 जून को दूसरे दौर की काउंसलिग में भी भाग लिया और एमडी जनरल मेडिसिन के लिए 8 संस्थानों का विकल्प चुना। 15 जून को उन्हें आवंटन पत्र दिया गया। उसे देखकर वह चौंक गई क्योंकि एमडी जनरल मेडिसिन के बजाय एमडी माइक्रोबायोलॉजी कोर्स आवंटित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि याची ने एमडी माइक्रोबायोलॉजी का विकल्प कभी नहीं चुना और ऐसा लगता है अनजाने में उन्हें यह आवंटन हो गया।