World Homeopathy Day 2021: कोरोना से जंग में मददगार बनी होम्योपैथी, आप भी उठाएं फायदा

World Homeopathy Day 2021 नेहरू होम्योपैथिक मेडिकल कालेज की प्राचार्य डा. अनु कपूर ने कहा कि आयुष निदेशालय के दिशानिर्देश के अनुसार कोरोना से पीड़ित करीब एक हजार मरीजों का इलाज किया गया साथ ही आर्सेनिक एल्बम-30 भी वितरित की गई।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 12:51 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 12:54 PM (IST)
World Homeopathy Day 2021: कोरोना से जंग में मददगार बनी होम्योपैथी, आप भी उठाएं फायदा
होम्योपैथी से कोरोना के एक हजार मरीज ठीक हुए

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। कोरोना से जंग में होम्योपैथिक दवाएं लोगों की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने से लेकर इलाज तक में मददगार साबित हुई हैं। नेहरू होम्योपैथिक मेडिकल कालेज के अस्पताल में कोरोना के हल्के व मध्यम स्तर के संक्रमण से पीड़ित करीब एक हजार मरीजों का इलाज हुआ। उनके इलाज में सिर्फ होम्योपैथिक दवाएं इस्तेमाल की गईं। कोरोना के खिलाफ अब भले ही असरदार टीके उपलब्ध हो गए हैं, फिर भी कोरोना का संक्रमण बढ़ते ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए होम्योपैथिक दवा के लिए लोग अस्पताल पहुंचने लगते हैं।

नेहरू होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की तरफ से कोरोना से बचाव के लिए सामुदायिक स्तर पर भी लोगों को दवाएं दी जा रही हैं। होम्योपैथी के डाक्टर कहते हैं कि यह चिकित्सा पद्धति कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में भी मददगार है।

डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना के कारण कई मरीजों की किडनी सहित कई महत्वपूर्ण अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, तो उन्हें एलोपैथी के साथ-साथ होम्योपैथिक दवाएं भी दी गईं, जिससे कई मरीजों के इलाज में उत्साहजनक परिणाम देखे गए। डा. कल्याण बनर्जी क्लीनिक के विशेषज्ञ डा. कुशल बनर्जी ने कहा कि पिछले एक साल में कोरोना के करीब 90 ऐसे मरीज देखे गए जिनके एक से ज्यादा महत्वपूर्ण अंगों ने ठीक से काम करना बंद कर दिया था। अंतिम विकल्प के रूप में एलोपैथी के डाक्टरों ने उन मरीजों के इलाज के लिए मदद मांगी।

एलोपैथी के साथ होम्योपैथी की दवाएं देने से करीब 30-40 फीसद मरीजों में सुधार देखा गया और कई मरीज वेंटिलेटर से वापस आ गए। उन्होंने कहा कि कोरोना के शुरुआती संक्रमण के बाद करीब 15 हजार लोगों पर एक अध्ययन किया गया, जिन्हें कोरोना से बचाव के लिए तीन दवाएं प्रतिदिन 14 दिन तक लगातार लेने की सलाह दी गई। इसके बाद 14 दिन के अंतराल पर दवाएं दोबारा लेने की सलाह दी गई थी।

इन दवाओं में आर्सेनिक एल्बम-6, लाइकोपोडियम 30 व एक अन्य दवाएं शामिल थीं। कोरोना से बचाव में इसका अच्छा असर देखा गया। इस अध्ययन के परिणाम को देश की नियामक एजेंसी को सौंपा गया है और कंट्रोल ट्रायल कराने की मांग की गई, ताकि लोगों को इसका फायदा मिल सके।

वहीं, नेहरू होम्योपैथिक मेडिकल कालेज की प्राचार्य डा. अनु कपूर ने कहा कि आयुष निदेशालय के दिशानिर्देश के अनुसार कोरोना से पीड़ित करीब एक हजार मरीजों का इलाज किया गया, साथ ही आर्सेनिक एल्बम-30 भी वितरित की गई।

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