Yoga Benefits: दिल की अनियंत्रित धड़कन को कम करने में मददगार है योग, 10 मिनट कर सकते हैं ये 7 आसन
Yoga Benefits कोरोना के मरीजों में भी धड़कन बढ़ने की समस्या देखी जा रही है। योग करने से धड़कन बढ़ने या अनियंत्रित की घटनाओं में कमी आती है। यदि कोई आधा घंटा भी नियमित प्राणायाम आसान व ध्यान करें तो भी काफी असर पड़ता है।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। योग दिल की बीमारियों के इलाज में भी मददगार है। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences) के डॉक्टरों द्वारा किए गए एक समीक्षात्मक अध्ययन में कहा गया योग दिल की अनियंत्रित धड़कन को नियंत्रित करने में मददगार है। ऐसे में एम्स के डाक्टरों ने अनियंत्रित धड़कन की बीमारी (एरिदमिया) से पीड़ित लोगों को सप्ताह में कम से कम 45 से 60 मिनट योग करने की सलाह दी है। इससे धड़कन को काफी हद तक नियंत्रित रखा जा सकता है। कोरोना के मरीजों में भी धड़कन बढ़ने की समस्या देखी जा रही है।
एरिदमिया की बीमारी में योग के इस्तेमाल पर समीक्षात्मक अध्ययन में शामिल एम्स कार्डियोलाजी विभाग के प्रोफेसर व इंटिग्रेटिव मेडिसिन शोध केंद्र के प्रभारी डॉ. गौतम शर्मा ने कहा कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी कई लोगों में धड़कन बढ़ने की समस्या हो रही है। ऐसे लोगों को योग जरूर करना चाहिए। लेकिन जरूरी है कि प्रशिक्षक की देखरेख में योग किया जाए।
उन्होंने कहा कि एरिदमिया की बीमारी कई तरह की होती है। इसमें धड़कन तेज, कम या अनियंत्रित हो जाती है। यह जानलेवा भी हो सकती है। इसका एक स्वरूप एट्रियल फिब्रिलेशन है, जिसमें धड़कन तेज हो जाती है। इस तरह की बीमारियां आटोमिक नर्वस सिस्टम से जुड़ी होती है। ऑटोमिक नर्वस सिस्टम का संतुलन खराब होने पर धड़कन अनियंत्रित होने व तनाव बढ़ने जैसी समस्याएं होती हैं। योग ऑटोमिक नर्वस सिस्टम को संतुलित करने में मदद करता है। अध्ययन के दौरान अब तक प्रकाशित करीब 225 शोध पत्रों के डाटा की समीक्षा की गई। इसमें यह बात निकलकर सामने आई कि योग करने से धड़कन बढ़ने या अनियंत्रित की घटनाओं में कमी आती है। यदि कोई आधा घंटा भी नियमित प्राणायाम, आसान व ध्यान करें तो भी काफी असर पड़ता है।
10 मिनटकर सकते हैं ये आसन