अगले तीन सालों में आइएसएल व नए सीवरेज शोधन संयंत्रों की मदद से साफ होगी यमुना
दिल्ली सरकार ने बजट में पेयजल आपूर्ति व सीवरेज प्रबंधन से जुड़ी परियोजनाओं के लिए 3274 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। बजट भाषण में वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इंटरसेप्टर सीवर लाइन (आइएसएल) का निर्माण 99 फीसद पूरा हो चुका है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने बजट में पेयजल आपूर्ति व सीवरेज प्रबंधन से जुड़ी परियोजनाओं के लिए 3,274 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। बजट भाषण में वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इंटरसेप्टर सीवर लाइन (आइएसएल) का निर्माण 99 फीसद पूरा हो चुका है। आइएसएल व नए सीवरेज शोधन संयंत्रों (एसटीपी) की मदद से तीन वर्ष में यमुना साफ हो जाएगी।
59 किलोमीटर लंबी आइएसएल परियोजना दिसंबर 2011 में शुरू हुई थी। इसका मकसद नजफगढ़, शाहदरा व सप्लीमेंट्री नाले में गिरने वाले गंदे पानी को रोककर आइएसएल के जरिये एसटीपी में ले जाकर शोधित करना है, ताकि इन तीनों नालों में गंदा पानी बिना शोधित किए नहीं गिरे।
इन नालों से ही यमुना में सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है, जिस वक्त इंटरसेप्टर सीवर लाइन की परियोजना बनी थी, तब यह कहा गया था कि इस परियोजना के पूरा होने से यमुना में 70 फीसद प्रदूषण कम हो जाएगा। बहरहाल, अब यह परियोजना पूरी होने वाली है, ऐसे में यमुना की दशा सुधरने की उम्मीद है।
दो वर्ष में अवैध कालोनियों में पाइपलाइन से मिलेगा पानी
दिल्ली में कुल 1,799 अनधिकृत कालोनियां हैं। इनमें से 1,622 में पानी की पाइपलाइन बिछाई जा चुकी हैं। अब सिर्फ 113 कालोनियों में पाइपलाइन बिछाने के लिए वन विभाग व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया है।
दिल्ली सरकार ने दो वर्ष के अंदर सभी अनधिकृत कालोनियों में चरणबद्ध तरीके से पाइपलाइन से पानी आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा उपभोक्ताओं को हर माह 20 हजार लीटर पानी मुफ्त उपलब्ध कराने की योजना जारी रहेगी। इसके लिए जल बोर्ड को 600 करोड़ रुपये सब्सिडी देने का प्रविधान किया गया है।