Delhi Yamuna Flood ALERT! दिल्ली में खतरे के निशान के पार हुई यमुना, हालात फिर बने चिंताजनक

Delhi Yamuna Flood ALERT! देश की राजधानी दिल्ली में यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने को लेकर प्रशासन सतर्क नजर आ रहा है जो राहत की बात है। प्रशासन निचले इलाकों में मुनादी कराकर लोगों से हटने की अपील कर रहा है

By Jp YadavEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 09:16 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 09:16 AM (IST)
Delhi Yamuna Flood ALERT!  दिल्ली में खतरे के निशान के पार हुई यमुना, हालात फिर बने चिंताजनक
Delhi Yamuna Flood ALERT! दिल्ली में खतरे के निशान के पार हुई यमुना, हालात फिर बने चिंताजनक

नई दिल्ली [सौरभ श्रीवास्तव]। देश की राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का खतरे के निशान को पार कर जाना चिंताजनक है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्य के पहाड़ों पर भारी बारिश के कारण हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से यमुना में छोड़े जा रहे पानी की मात्रा खासी बढ़ गई है, जिससे राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। नदी में जलस्तर बढ़ने को लेकर प्रशासन सतर्क नजर आ रहा है, जो राहत की बात है। प्रशासन निचले इलाकों में मुनादी कराकर लोगों से हटने की अपील कर रहा है, वहीं सिविल डिफेंस वालंटियरों की टीमों को नदी के किनारे तैनात किया गया है, ताकि लोग यमुना में न जा सकें।

यही नहीं, हरियाणा के अधिकारियों से बातकर नदी में पानी बढ़ने की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। यमुना के डूब क्षेत्र में कई स्थानों पर लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर किया गया अतिक्रमण भी पानी बढ़ने की स्थिति में खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में प्रशासन को यमुना के जलस्तर में वृद्धि पर करीबी नजर रखनी चाहिए। डूब क्षेत्र में बनी झुग्गियों, इत्यादि को जल्द से जल्द खाली कराया जाना चाहिए और किसी सुरक्षित स्थान पर इन लोगों के रहने की व्यवस्था की जानी चाहिए। यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि इन लोगों को भोजन इत्यादि की समस्या न होने पाए।

वहीं, जलस्तर कम होने पर भी प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यमुना के डूब क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न होने पाए। इसके लिए प्रशासन को पूरी सख्ती के साथ पुलिस के साथ मिलकर डूब क्षेत्र में किसी भी निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। यही नहीं, समय-समय पर इस बात की निगरानी भी की जानी चाहिए कि डूब क्षेत्र में कोई अतिक्रमण न करने पाए। डूब क्षेत्र में अतिक्रमण न सिर्फ जलस्तर बढ़ने के समय खतरनाक साबित हो सकता है, बल्कि यह पर्यावरण की दृष्टि से भी हानिकारक है, जिसे किसी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

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