पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांडः सुशील के बाद एक और पहलवान गिरफ्तार, नेशनल में जीत चुका है गोल्ड
डीसीपी स्पेशल सेल संजीव कुमार यादव के मुताबिक सुरजीत ग्रेवाल भिवानी हरियाणा का रहने वाला है। 2007 में इसने हरियाणा के दादरी स्थित एक अखाड़ा पर पहलवानी करना शुरू किया था। 2012 में वह छत्रसाल स्टेडियम आ गया था। पहलवानी करने के दौरान वह सुशील कुमार का करीबी बन गया।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक और पहलवान सुरजीत ग्रेवाल को गिरफ्तार कर लिया है। उसे उसके पैतृक गांव बामला, भिवानी, हरियाणा से गिरफ्तार किया गया। सुरजीत, ओलंपियन सुशील कुमार का करीबी है। वह तीन बार भारत के तरफ से विश्व कुश्ती चैम्पियनशीप प्रतियोगिता में भाग ले चुका है और दिल्ली राज्य से राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीत चुका है। दिल्ली पुलिस की तरफ से इस पर 50 हज़ार का इनाम था।
दिल्ली पुलिस की तरफ से था 50 हज़ार का इनाम
डीसीपी स्पेशल सेल संजीव कुमार यादव के मुताबिक सुरजीत ग्रेवाल भिवानी, हरियाणा का रहने वाला है। 2007 में इसने हरियाणा के दादरी स्थित एक अखाड़ा पर पहलवानी करना शुरू किया था। 2012 में वह छत्रसाल स्टेडियम आ गया था। स्टेडियम में रहकर पहलवानी करने के दौरान वह सुशील कुमार का करीबी बन गया। 2018 में उसने दिल्ली से गोल्ड मेडल जीता। इससे पहले 2012, 2014 और 2018 में तीन बार वह विश्व कुश्ती चैम्पियनशीप में भाग ले चुका है।
सागर धनखड़ हत्याकांड में दिल्ली पुलिस अब तक सुशील कुमार समेत 13 आरोपित को गिरफ्तार कर चुकी है। सुरजीत ग्रेवाल, प्रवीण डबास, प्रवीण उर्फ छोटी, जोगिंदर उर्फ काला, राहुल घाडा व अनिल धीमान फरार थे। इनके खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट हासिल कर लिया गया था। 21 जुलाई को सेल को सूचना मिली कि सुरजीत ग्रेवाल अपने घर आने वाला है। एसीपी जसबीर सिंह, इंसेक्टर विवेकानंद पाठक व कुलदीप सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने सुरजीत के घर से उसे दबोच लिया। सागर धनखड़ हत्याकांड की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है।
बीते 4 मई की देर रात एक बजे सुशील ने पहलवानों और बदमाशों को बुलाकर सागर धनखड़, सोनू महाल, अमित कुमार, रविन्द्र व भक्तु को छत्रसाल स्टेडियम के पार्किंग में लाकर लोहे की रॉड, लाठी डंडे से बुरी तरह पिटाई की थी। अगले दिन सुबह सिर में गंभीर चोट लगने के कारण मौत हो गई थी। मौत की सूचना मिलते ही सुशील समेत सभी आरोपित फरार हो गए थे। घटना के 21 दिन बाद पुलिस ने सुशील और उसके खास सहयोगी अजय सहरावत को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। सभी गिरफ्तार आरोपित अभी तिहाड़ जेल में बंद है।