Tokyo Olympics: महिला हाकी टीम की हार पर रो पड़ी नेहा की मां, बोलीं- भाग्य साथ देता तो बदल जाती कहानी

मैच के दौरान नेहा की मां लड्डू गोपाल को गोद में लिए बैठी रही। जैसे ही टीम हारी उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। नेहा की मां का कहना है कि बेटियों ने लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भाग्य और साथ दे देता तो कहानी ही कुछ और होती।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 11:54 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 11:54 AM (IST)
Tokyo Olympics: महिला हाकी टीम की हार पर रो पड़ी नेहा की मां, बोलीं- भाग्य साथ देता तो बदल जाती कहानी
टीम की हार पर रो पड़ी नेहा की मां

सोनीपत [दीपक गिजवाल]। ब्रांज मेडल के लिए खेल रही महिला हाकी टीम की हार से खेल प्रेमी मायूस जरूर है, लेकिन नाउम्मीद नहीं। खेल प्रेमियों का कहना है कि टीम जिस जज्बे के साथ लड़ी है वो भविष्य के लिए बेहतर संकेत है। यह हाकी के बेहतर दिनों की शुरुआत है। वहीं, खिलाड़ियों व पूर्व हाकी कोच का कहना है कि हाकी टीम हार कर भी दिल जीत गई।टीम ही हार पर नेहा की मां सावित्री भावुक हो गई।टीवी स्क्रीन पर नेहा व अन्य खिलाड़ियों को रोते देख उनकी भी आंखों में आंसू छलक आए।

ब्रांज के लिए खेलने उतरी टीम की जीत के लिए सुबह से ही दुआओं को दौर चल रहा था। खेल प्रेमियों ने मंदिरों में शिव पूजा कर टीम की जीत की कामना की। वहीं, नेहा की मां ने भी सुबह मैच से पहले पूजा- अर्चना की। मैच के दौरान नेहा की मां लड्डू गोपाल (श्रीकृष्ण की प्रतिमा) को गोद में लिए बैठी रही। जैसे ही टीम हारी उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। नेहा की मां का कहना है कि बेटियों ने लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भाग्य और साथ दे देता तो कहानी ही कुछ और होती।

सुनहरा है इस टीम का भविष्य : प्रीतम

महिला हाकी टीम की सदस्य नेहा व निशा को तरासने वाली व पूर्व हाकी कप्तान व कोच प्रीतम सिवाच का कहना है कि टीम इंडिया ने इस पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया और पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाकर इतिहास रच दिया था। टीम इससे पहले सिर्फ 2 बार ओलिंपिक खेली है। 1980 में टीम टाप-4 में पहुंची थी। उस वक्त सेमीफाइनल फॉर्मेट नहीं था। वहीं 2012 रियो ओलिंपिक में टीम 12वें स्थान पर रही थी।इस टीम का भविष्य बेहतर है। टीम बड़े टूर्नामेंट जीत कर हाकी में एक बार फिर से देश का परचम लहराएंगी।

ये मैच सालों तक याद रहेगा : एनके गौतम

साई सेंटर के पूर्व हाकी कोच एनके गौतम ने कहा कि ये जबदस्त मैच था। दो 2.0 से पिछड़ने के बाद टीम ने दूसरे क्वार्टर में जबरदस्त वापसी की।चार मिनट के अंदर तीन 3 गोल दागना खिलाड़ियों की ताकत और प्रतिभा को दर्शाता है। कुछ मैच को छोड़ कर टीम ने बेहतरीन खेल दिखाया। टीम छाप छोड़ने में कामयाब रही। टीम मैच बेशक ही हार गई हो, दिल जीत ले गई। कई बार चीजे भाग्य पर भी निर्भर होती होती है। शायद आज भाग्य टीम के साथ नहीं था।

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