सर्दी की दस्तक के साथ ही राजधानी में बढ़ने लगेगा प्रदूषण का स्तर, चारों तरफ नजर आएगा धुंआ ही धुंआ
हर वर्ष सर्दी के दस्तक देते ही प्रदूषण का स्तर राजधानी में बढ़ने लगता है। हालत ऐसी हो जाती है कि वातावरण में चारों तरफ धुंआ ही धुंआ नजर आने लगता है। कोरोना से पूर्व लोग सर्दियों में अक्सर घर से बाहर मास्क लगाकर निकलते थे।
नई दिल्ली [भगवान झा]। हर वर्ष सर्दी के दस्तक देते ही प्रदूषण का स्तर राजधानी में बढ़ने लगता है। हालत ऐसी हो जाती है कि वातावरण में चारों तरफ धुंआ ही धुंआ नजर आने लगता है। कोरोना से पूर्व लोग सर्दियों में अक्सर घर से बाहर मास्क लगाकर निकलते थे। प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से कई प्रयास शुरू किए गए हैं। इस कदम में आम आदमी को भी सरकार का साथ देना चाहिए और ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए, जिससे कि प्रदूषण बढ़े, लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है।
दो दिन पहले ही नजफगढ़ साईं मंदिर के पास कूड़े में आग लगा दी गई। यह लगातार दो दिनों तक हुआ। इस कारण आसपास में धुंआ ही धुंआ नजर आने लगा। हालत यह थी कि राह चलते लोगों को भी इससे परेशानी होने लगी। सिर्फ इसी स्थान पर नहीं बल्कि कई ऐसे इलाके हैं जहां कूड़े में आग लगाने की घटना हर वर्ष देखी जाती है। निगम की ओर से कई बार टीम बनाई जाती है, लेकिन एक-दो दिन ठीक रहने के बाद स्थिति पहले जैसी हो जाती है।
महापौर का बयान
कूड़ा जलाने की इजाजत नहीं है। कूड़े में आग लगाने वालों के खिलाफ निगम की ओर से सख्ती बरती जाती है। निगम ने इसके लिए एक टीम बना रखी है और शिकायत मिलने पर टीम मौका पर जाकर स्थिति का जायजा लेती है। साथ ही रात में भी टीम के सदस्य इलाके में घूमते रहते हैं। दोषियों के खिलाफ चालान किया जाता है। लोगों से अपील है कि वे अपने घर के आसपास नजर रखें और जैसे ही किसी को कूड़े में आग लगाते हुए देखें तो इसकी जानकारी तुरंत निगम को दें।
मुकेश सुर्यान, महापौर, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन
धुंआ का प्रभाव स्वास्थ्य पर काफी गहरा पड़ता है। इससे सांस लेने में परेशानी के साथ ही आंखों में जलन, एलर्जी, गले में खराश होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही अगर कोई अस्थमा का मरीज हो तो उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी होती है। इसके अलावा शुगर के मरीजों के लिए भी धुंआ काफी नुकसानदेह साबित होता है।
-डा. रमेश कुमार दत्ता पूर्व अध्यक्ष, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन
लोगों की बातें
पर्यावरण को स्वच्छ रखना हम सभी का दायित्व है। सिर्फ सरकार के भरोसे बैठने से काम नहीं चलेगा। राजधानी में प्रदूषण का स्तर अधिकांश समय बढ़ा रहता है। ऐसे में हम सभी को इस दिशा में ध्यान रखना चाहिए।
-मुकुल, महावीर नगर
द्वारका सेक्टर सात में यह समस्या देखी जाती है। यहां डीडीए के खाली प्लाट में कूड़ा जमा रहता है और इसमें आग लगा दी जाती है। कई बार शिकायत की गई। कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति होती है।
-रवि जेटली, द्वारका
भरत विहार इलाके में पूर्व में कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। कई बार अग्निशमन विभाग को फोन कर दमकल की गाड़ी को बुलाना पड़ा है। जो लोग दोषी होते हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
-मारीदास प्रधान, भरत विहार
रिहायशी इलाके के आसपास कूड़े में आग लगने से सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गो व बच्चों को होती है। अगर समय से कूड़े को हटा दिया जाए तो इस तरह की घटना पर रोक लग सकती है।
-अनिल देवलाल, हस्तसाल
यहां हर वर्ष होती हैं कूड़े में आग लगाने की घटनाएं
- नजफगढ़ ड्रेन के किनारे
- पंखा रोड ड्रेन के किनारे
- द्वारका के विभिन्न सेक्टरों के खाली प्लाट में जमा कूड़े में
- हस्तसाल जनता फ्लैट से पश्चिम विहार जाने वाली सड़क के किनारे
- मंगलापुरी व पालम में जमा कूड़े में आग लगने की घटना कई बार देखी गई
- विकासपुरी इलाके के पार्को में कई बार कूड़े में आग लगाई गई है
- भरत विहार व बिंदापुर इलाके में भी कूड़े में आग लगाने की घटना होती रहती है
शरारती लोग करते हैं यह कार्य
यह कार्य कुछ शरारती लोगों द्वारा किया जाता है। इससे आम जनता को काफी दिक्कतें होती हैं। कई बार रिहायशी इलाके के आसपास कूड़े में आग लगने के बाद लोगों को सांस लेना दूभर हो जाता है। इस तरह की घटना द्वारका में कई बार देखी गई है। कुछ मामलों में अग्निशमन विभाग की गाड़ी को बुलाना पड़ता है तब जाकर आग पर काबू पाया जाता है।