शीला Vs मनोज: जानें कैसे एक की जीत से दूसरे का राजनीतिक भविष्य पड़ जाएगा खतरे में

उत्तर पूर्वी दिल्ली में कांग्रेस ने विकास के अनुभवी चेहरे के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को टिकट दिया है तो भाजपा ने मनोज तिवारी को।

By JP YadavEdited By: Publish:Thu, 09 May 2019 09:25 AM (IST) Updated:Thu, 23 May 2019 11:23 AM (IST)
शीला Vs मनोज: जानें कैसे एक की जीत से दूसरे का राजनीतिक भविष्य पड़ जाएगा खतरे में
शीला Vs मनोज: जानें कैसे एक की जीत से दूसरे का राजनीतिक भविष्य पड़ जाएगा खतरे में

नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। Lok Sabha Election Result 2019: दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों  (नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, उत्तर पूर्वी दिल्ली, उत्तर पश्चिमी दिल्ली और चांदनी चौक ) पर सुबह से हो रही मतगणना में भारतीय जनता पार्टी के सभी सातों उम्मीदवार आगे चल रहे हैं।

शुरुआत में उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट पर मुकाबला रोमांचक लग रहा था, लेकिन भाजपा प्रत्याशी मनोज तिवारी ने लगता है कांग्रेस प्रत्याशी शीला दीक्षित पर निर्णायक बढ़त बना ली है। ऐसे में शीला दीक्षित हारी तो यह उनके लिए न केवल आखिरी चुनाव होगा, बल्कि उनकी दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष की कुर्सी भी खतरे में पढ़ जाएगी।

यहां पर बता दें कि इसी साल जनवरी महीने में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (81) के हाथ में फिर से प्रदेश कांग्रेस की कमान आ गई। अजय माकन के इस्तीफे के बाद से ही इस बात की उम्मीद की जा रही थी कि अनुभवी शीला दीक्षित को ही पार्टी की कमान सौंपी जाएगी। कांग्रेस नेता पीसी चाको ने शीला दीक्षित को दिल्ली कांग्रेस का चीफ बनाए जाने की घोषणा की थी। उनके साथ हारून यूसुफ, राजेश लिलोठिया, देवेंद्र यादव को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। 

पार्टी संगठन में फिर से जान फूंकना थी चुनौती
दिल्ली में कांग्रेस को एक ऐसे हाथ की जरूरत है, जो पार्टी को तीसरे स्थान से ऊपर ले जा सके। अजय माकन ने स्वास्थ्य कारणों का जो हवाला दिया था, उसके बाद कांग्रेस को दिल्ली के लिए शीला दीक्षित से बेहतर नाम अभी नहीं दिख रहा था। शीला का कद और अनुभव सब पर भारी पड़ता दिखा था। 

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