क्या समलैंगिकों की शादी को मिलेगी मान्यता? दिल्ली हाई कोर्ट में 30 नंवबर को होगी सुनवाई

दो महिला समलैंगिकों ने देश के विशेष विवाह अधिनियम (एसएमए) के तहत शादी करने की अनुमति मांगी है। जबकि अमेरिका में शादी की कानूनी मान्यता लेकर आए हुए दो भारतीय पुरुषों ने विदेशी विवाह कानून के तहत उसकी मान्यता देने की मांग की है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 04:03 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 04:17 PM (IST)
क्या समलैंगिकों की शादी को मिलेगी मान्यता? दिल्ली हाई कोर्ट में 30 नंवबर को होगी सुनवाई
समलैंगिकों की शादी को मान्यता देने पर जिरह 30 नवंबर को

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। विशेष हिंदूू और विदेशी विवाह कानून के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने की मांग को लेकर दो समलैंगिक जोड़ों सहित अलग-अलग याचिकाओं पर दिल्ली हाई कोर्ट 30 नवंबर को अंतिम सुनवाई करेगा। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने सभी पक्षकारों को मामले में प्रत्युत्तर दाखिल करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 30 नवंबर के लिए स्थगित कर दी।

दो महिला समलैंगिकों ने देश के विशेष विवाह अधिनियम (एसएमए) के तहत शादी करने की अनुमति मांगी है। जबकि, अमेरिका में शादी की कानूनी मान्यता लेकर आए हुए दो भारतीय पुरुषों ने विदेशी विवाह कानून के तहत उसकी मान्यता देने की मांग की है। वहीं, दो पुरुषों ने याचिका दायर कर कहा है कि दोनों की शादी अमेरिका में हुई थी, लेकिन भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा विदेशी विवाह अधिनियम-1969 के तहत इस शादी को पंजीकृत नहीं किया गया क्योंकि वे समलैंगिक थे।

वहीं, अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पूछा कि क्या संपत्ति के संपन्न मालिक अनपढ़, गरीब या दलित वर्ग से हैं। इन लोगों ने सैनिक फार्म, महेंद्रू एन्क्लेव और अनंत राम डेयरी जैसी अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने की मांग की है।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल व न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिका को समृद्ध अनधिकृत कालोनियों के निवासियों के इशारे पर दायर याचिका को प्रेरित मुकदमा करार दिया।अदालत ने अनधिकृत कालोनियों को कानूनी या नियमित कालोनियों में बदलने की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा कि छूटी हुईं अनधिकृत कालोनियों के निवासी जब भी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे तो नियम और कानून के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।

केंद्र की तरफ से अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि अनधिकृत समृद्ध कालोनियों में रहने वाले लोग इनमें रहने वाले निम्न आय वर्ग के लोगों के साथ समानता की दलील नहीं दे सकते हैं। याचिका में कहा गया कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को 1731 के बजाय सभी 1797 अनधिकृत कालोनियों के नियमितीकरण के लिए पंजीकरण स्वीकार करने का निर्देश दिया जाए।

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