हेपेटाइटिस मरीजों के साथ भेदभाव के विरुद्ध लाएंगे सख्त कानून : सत्येंद्र जैन
सत्येंद्र जैन ने कहा कि हेपेटाइटिस के रोगियों को समाज में बहुत भेदभाव का सामना करना पड़ता है। इसलिए सरकार दिल्ली में हेपेटाइटिस बी और सी के रोगियों के साथ होने वाले भेदभाव के विरुद्ध एक कानून पारित करेगी जो देश में पहली बार होगा।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इंस्टिट्यूट आफ लीवर एंड बिलियरी साइंस (आइएलबीएस) में 24वें हेपेटाइटिस दिवस में शनिवार को भाग लिया। इस दौरान जैन ने कहा कि हेपेटाइटिस के रोगियों को समाज में बहुत भेदभाव का सामना करना पड़ता है। इसलिए सरकार दिल्ली में हेपेटाइटिस बी और सी के रोगियों के साथ होने वाले भेदभाव के विरुद्ध एक कानून पारित करेगी, जो देश में पहली बार होगा। वहीं, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार हेपेटाइटिस बी और सी को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस अवसर पर जैन ने हेपेटाइटिस जागरूकता गतिविधियों पर एक रिपोर्ट भी जारी की। उन्होंने सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में की जा रही विभिन्न गतिविधियों के लिए आइएलबीएस को बधाई दी। गतिविधियों का उद्देश्य 2030 तक वायरल हेपेटाइटिस को समाप्त करना है।
जैन ने आगे बताया कि हेपेटाइटिस-सी का इलाज 12 सप्ताह के अंदर दवाइयों द्वारा आसानी से किया जा सकता है। इसके साथ-साथ हेपेटाइटिस बी को भी रोका जा सकता है। हेपेटाइटिस-बी दो कारणों, गर्भवती मां से बच्चे को और संक्रमित रक्त के माध्यम से फैलता है। इसकी पहचान वक़्त रहते कर लेने से इसे आसानी से रोका जा सकता है।
स्वास्थ मंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार गर्भवती महिलाओं के लिए हेपेटाइटिस की मुफ्त जांच और उपचार उपलब्ध कराने की योजना बना रही है ताकि हेपेटाइटिस-सी का वक़्त रहते इलाज कर बच्चे को संक्रमित होने से बचाया जा सके। इसके साथ ही मोहल्ला क्लीनिक के कर्मचारियों को इस बीमारी की जांच और इलाज का भी प्रशिक्षण देंगे और यह भी सुनिश्चित करेंगे कि प्राथमिक स्तर पर इस बीमारी के इलाज के लिए मुफ्त दवाइयां हर मोहल्ला क्लीनिक में उपलब्ध हों।
इसके अतिरिक्त अगले कुछ महीनों के भीतर हेपेटाइटिस को दिल्ली की अधिसूचित रोगों की सूची में लाएंगे। वहीं, दिल्ली सरकार अपनी आगामी स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआइएस प्रोजेक्ट) में हेपेटाइटिस का टेस्ट अनिवार्य करेगी। इससे सरकार यह सुनिश्चित कर सकेगी कि प्रत्येक हेल्थ कार्ड धारक ने जीवन में एक बार हेपेटाइटिस का टेस्ट जरूर कराया हो।