हाईकोर्ट ने गणित के प्रोफेसर से क्यों कहा इस्तीफा स्वीकार होने के बाद इसे वापस लेने की मांग नहीं कर सकते, पढ़िए पूरी खबर

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के गणित के प्रोफेसर मोहर्रम अली खान की याचिका को खारिज करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद कोई व्यक्ति उसे वापस लेने की मांग नहीं कर सकता।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 08:20 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 08:20 PM (IST)
हाईकोर्ट ने गणित के प्रोफेसर से क्यों कहा इस्तीफा स्वीकार होने के बाद इसे वापस लेने की मांग नहीं कर सकते, पढ़िए पूरी खबर
न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव की पीठ ने प्रोफेसर की उस दलील को भी खारिज कर दिया।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के गणित के प्रोफेसर मोहर्रम अली खान की याचिका को खारिज करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद कोई व्यक्ति उसे वापस लेने की मांग नहीं कर सकता। न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव की पीठ ने प्रोफेसर की उस दलील को भी खारिज कर दिया कि उन्हें जामिया से इस्तीफे को स्वीकार करने संबंधी आदेश नहीं मिला था। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने खुद ही इस्तीफा दिया था और उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया था। ऐसे में वह दोबारा नौकरी का दावा नहीं कर सकते।

पीठ ने कहा कि सऊदी जाने से पहले उन्हें कम से कम अपने इस्तीफे के बारे में पूछताछ करनी चाहिए थी। प्रोफेसर ने जामिया से इस्तीफा देकर सऊदी अरब के एक विविद्यालय में नौकरी कर ली थी और एक वर्ष के बाद अपना इस्तीफा वापस लेने की मांग की थी। हालांकि, जामिया ने इसे अस्वीकार कर दिया था और प्रोफेसर ने इस आदेश हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

वहीं, जामिया ने दलील दिया था कि सऊदी अरब जाने से पहले याची ने इस्तीफा दे दिया था और इसे अस्वीकार कर दिया गया था। इसके बाद याची ने 21 सितंबर 2010 को पत्र लिखकर असाधारण अवकाश की मांग की थी और वैकल्पिक रूप से जामिया में प्रोफेसर के पद से इस्तीफा देने की इच्छा भी व्यक्त की थी। इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए जामिया की तरफ से 29 सितंबर 2010 को एक आदेश भी जारी किया गया था। जामिया ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपना इस्तीफा खुद दिया था, ऐसे में दोबारा नौकरी का दावा नहीं कर सकता है।

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