शव ले जाते वक्त थानाध्यक्ष की गाड़ी पर किया पथराव, पुलिसकर्मियों ने छिप कर बचाई जान
स्वजन का आरोप है कि 23 फरवरी से बच्ची लापता थी सीसीटीवी फुटेज में आरोपित कैद थे। इसके बाद भी पुलिस सही वक्त पर न तो आरोपितों को पकड़ सकी और न ही उनकी बच्ची को बचा पाई। कहना है कि मुख्य आरोपित से उनकी कोई रंजिश भी नहीं थी।
नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। अगवा के बाद बच्ची की हत्या के बाद से इलाके के लोगों काफी रोष है। इस वारदात से गुस्साए स्वजन ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर दोपहर में कल्याणपुरी थाने के बाहर प्रदर्शन किया। इसके बाद गाजीपुर के पास एनएच-9 को कुछ देर के लिए जाम कर दिया। पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने के साथ ही लापरवाही का आरोप लगाया। पुलिस के साथ काफी नोंकझोक हुई। पुलिस के आला अधिकारियों के समझाने पर लोग सड़क से हटे।
स्वजन का आरोप है कि 23 फरवरी से बच्ची लापता थी, सीसीटीवी फुटेज में आरोपित कैद थे। इसके बाद भी पुलिस सही वक्त पर न तो आरोपितों को पकड़ सकी और न ही उनकी बच्ची को बचा पाई। उनका कहना है कि मुख्य आरोपित से उनकी कोई रंजिश भी नहीं थी, उन्हें जरा भी भनक नहीं थी वह उनकी बच्ची के साथ इस तरह की हरकत करेगा। रात को शव घर ले जाते वक्त लोगों ने कल्याणपुरी थानाध्यक्ष की कार पर पथराव कर दिया, पुलिसकर्मियों ने जैसे तैसे अपनी जान बचाई।
पथराव से कार के शीशे टूट गए। इस हमले में कुछ पुलिसकर्मियों के मामूली चोट आई है। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद हालत पर काबू पाया। मामला शांत होने पर स्वजन ने बच्ची का अंतिम संस्कार किया। जिला पुलिस उपायुक्त दीपक यादव ने स्वजन के आरोपों से इन्कार किया, उनका कहना है कि कुछ शरारती तत्वों ने पथराव किया था। उन लोगों की पहचान करके उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।