Water Crisis In Delhi: दिल्ली में मार्च-अप्रैल महीने में हो सकती है पानी की किल्लत, AAP विधायक ने दी जानकारी
Water Crisis In Delhi दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा (Raghav Chaddha Deputy Chairman of Delhi Jal Board) ने कहा है कि केंद्र सरकार अगले महीने 25 मार्च से 24 अप्रैल के बीच ब्यास नदी से एक माह के लिए पानी आपूर्ति रोकने जा रही है।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। मौसम में बदलाव के चलते दिल्ली-एनसीआर समेत समूचे उत्तर भारत में गर्मी ने दस्तक दे दी है। दिल्ली में अधिकतम पारा 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा चुका है। इस बीच दिल्ली के लाखों लोगों के लिए बुरी खबर आ रही है। राजधानी में तापमान 32 डिग्री को पार कर चुका है। इस बीच भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने अगले माह 25 मार्च से नंगल हाइडल चैनल को पूरी तरह से बंद कर मरम्मत कार्य शुरू करने की योजना बनाई है। इससे दिल्ली में 232 एमजीडी पानी की आपूर्ति बंद हो जाएगी।
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रस्तावित मरम्मत कार्य के कारण यदि ब्यास नदी का पानी केंद्र सरकार ने रोका तो दिल्ली में 25 मार्च से 24 अप्रैल के बीच एक माह तक गंभीर पेयजल संकट हो सकता है। ऐसी स्थिति में दिल्ली में पेयजल के लिए त्रहि त्रहि व कानून व्यवस्था की समस्या हो सकती है। लिहाजा दिल्ली सरकार ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्रलय से उच्चस्तरीय बैठक बुलाने व यमुना में अतिरिक्त पानी छोड़ने की मांग की है। उन्होंने मांग की कि यदि यमुना में अतिरिक्त पानी नहीं छोड़ा जाता है तो नंगल हाइडल चैनल का मरम्मत कार्य मानसून में कराया जाए।
राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली को यमुना, गंगा, रावी-ब्यास नदी व भूजल इन चार स्नोतों से पानी उपलब्ध होता है। ब्यास नदी का पानी नंगल हाइडल चैनल से होते हुए हरियाणा के मुनक नहर से दिल्ली आता है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ब्यास नदी के पानी को दिल्ली में आने से एक माह के लिए रोकने जा रही है। इस बाबत 12 फरवरी को हरियाणा सरकार के सिंचाई व जल संसाधन विभाग ने सूचना दी है। उन्होंने कहा कि आपत्ति इस बात से है कि मरम्मत कार्य ऐसे समय में करने की बात कही जा रही है जब गर्मी बढ़ने लगी है। मरम्मत कार्य के दौरान पानी पूरा बंद कर देना भी उचित नहीं है। दिल्ली में गर्मी में 1200 एमजीडी (मिलियन गैलन डेली) पानी की जरूरत होती है, जबकि जल बोर्ड 935 एमजीडी पानी की आपूर्ति करता है। ब्यास नदी का पानी रोके जाने से एक चौथाई (25 फीसद) पानी आपूर्ति कम हो जाएगी। इस वजह से लुटियंस दिल्ली में भी पानी की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
ब्यास नदी से मिलता है 232 एमजीडी पानी
वर्ष 1981 के समझौते व 10 मई 2000 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के तहत ब्यास नदी से 232 एमजीडी पानी दिल्ली को मिलता है। जल बोर्ड ने 19 फरवरी को एक पत्र लिखकर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड, केंद्र व हरियाणा सरकार से पानी नहीं रोकने की अपील की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि यह समस्या न आने पाए।
सात संयंत्रों से प्रभावित होगी पानी की आपूर्ति
यमुना व ब्यास नदी के पानी को मिलाकर मुनक नहर व दिल्ली सब ब्रांच (डीएसबी) नहर से जल बोर्ड को कुल 1133 क्यूसेक पानी मिलता है, जिसे सात जल शोधन संयंत्रों में शोधित करने के बाद आपूर्ति की जाती है। जल बोर्ड का कहना है कि ब्यास नदी से पानी रोके जोने पर मुनक नहर व डीएसबी नहर में यमुना से 1133 क्यूसेक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। वरना उन सात संयंत्रों से पानी आपूर्ति प्रभावित होगी।
दिल्ली में विभिन्न स्नोतों से उपलब्ध पेयजल (एमजीडी में)