मंगेतर को साथ मिलाकर कर रहा था ऑक्सीजन सिलेंडर दिलाने के नाम पर ठगी, पकड़े गए तो खुला राज

बाहरी जिला पुलिस ने ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने का झांसा देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले एक गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों में एक महिला भी शामिल है। आरोपितों में प्रियेश इसकी मंगेतर याशिका व फागुन शामिल है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 06:09 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 06:09 PM (IST)
मंगेतर को साथ मिलाकर कर रहा था ऑक्सीजन सिलेंडर दिलाने के नाम पर ठगी, पकड़े गए तो खुला राज
ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने के नाम पर करते थे ठगी, युवती सहित तीन गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। बाहरी जिला पुलिस ने ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने का झांसा देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले एक गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों में एक महिला भी शामिल है। आरोपितों में प्रियेश, इसकी मंगेतर याशिका व फागुन शामिल है।

दरअसल तीन मई को को तुषार नामक व्यक्ति ने पश्चिम विहार इस्ट थाना में अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि उनके एक निकट संबंधी की कोराेना जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उन्हें एक वाटसएप ग्रुप से एक शख्स का नंबर मिला, जो ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजार करने का दावा करता था। संपर्क करने पर इस शख्स ने एक सिलेंडर के एवज में 45 हजार रुपये की मांग की। इसके बाद शख्स के कहे खाते में इन्होंने पैसे जमा करा दिए। लेकिन पैसे जमा कराने के बावजूद तुषार को सिलेंडर नहीं मिला।

इसके बाद पश्चिम विहार इस्ट थाना प्रभारी इंस्पेक्ट केबी झा के नेतृत्व में टीम बनाई गई। टीम ने उस खाते पर ध्यान लगाया जिसमें रकम जमा कराई गई थी। खाते के बारे में जानकारी पता करने पर ज्ञात हुआ कि तीन दिनों में इस खाते में करीब तीन लाख जमा कराए जा चुके हैं। पता चला कि यह खाता फागुन के नाम पर है। जब पुलिस खाते में लिखे गए पते पर पहुंची तो पाया कि खाताधारक अब वहां नहीं रहता। इसके बाद पुलिस ने तकनीकी छानबीन पर ध्यान लगाया और फागुन तक पहुंच गई।

फागुन के बाद पुलिस ने प्रियेश व उसकी मंगेतर याशिका तक पहुंची। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि प्रियेश व फागुन करीब पांच वर्ष पूर्व एक साथ निजी फर्म में काम करते थे। इन दिनों दोनों को रूपये की सख्त जरूरत थी, जिसके बाद दोनों संपर्क में आए। ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत व बढ़ रही मांग को इन्होंने अपने लिए एक अवसर के रूप में पाया और ठगी में जुट गए। इन्होंने विभिन्न वाटसएप ग्रुप में अपने नंबर साझा किए ताकि जरूरतमंद लोग इनसे संपर्क साध सकें। आरोपित अपने शिकार से पैसे जमा करवाने में एक दूसरे के खाते का इस्तेमाल करते थे।

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