Delhi Coronavirus: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से भी सामने डटे हुए है नजफगढ़ के गांव
नजफगढ़ में बुजुर्गों की संख्या सबसे अधिक है। विशेषज्ञों की माने तो कोरोना संक्रमण से मरने वाले 70 फीसद लोग बुजुर्ग व किसी अन्य बीमारी से जूझ रहे श्रेणी के लोग हैं। नजफगढ़ सब-डिवीजन के अंतर्गत बीते दस दिनों में केवल 540 कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज किए गए है।
नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। तेजी से पांव पसार रहे कोरोना संक्रमण के मामलों ने एक बार फिर लोगों के मन में डर का माहौल पैदा कर दिया है, तो वहीं दूसरी तरफ प्रशासन के मुताबिक नजफगढ़ में स्थिति अभी भी सामान्य बनी हुई है। ये हालात तब है जब नजफगढ़ में बुजुर्गों की संख्या सबसे अधिक है। विशेषज्ञों की माने तो कोरोना संक्रमण से मरने वाले 70 फीसद लोग बुजुर्ग व किसी अन्य बीमारी से जूझ रहे श्रेणी के लोग हैं। नजफगढ़ सब-डिवीजन के अंतर्गत बीते दस दिनों में केवल 540 कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज किए गए है और अच्छी बात यह है कि सभी सामान्य हैं।
रिकॉर्ड तोड़ मामले के बीच भी सुरक्षित है नजफगढ़
शनिवार को जहां दिल्ली में रिकार्ड तोड़ मामले दर्ज किए गए थे, तो वहीं नजफगढ़ में केवल 140 संक्रमितों की पहचान की गई। जहां तक जांच की बात है, संक्रमण के बढ़ते खतरे को मद्देनजर रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने उसका दायरा भी बढ़ा दिया है। इसके साथ ही जागरुकता कार्यक्रम के बदौलत टीकाकरण कराने वाले लोगों की संख्या भी बीते एक सप्ताह में बढ़ी है।
आखिर क्यों यहां पर कम है संक्रमण
बता दें कि पिछले वर्ष भी जब कोरोना संकट चरम पर था, उस दौरान भी नजफगढ़ संक्रमण को लेकर अच्छे प्रबंधन के लिए प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग वाह-वाही बटोर रहा था। पिछले वर्ष नजफगढ़ सब-डिवीजन में करीब 400 मामले ही दर्ज किए गए थे। विशेषज्ञों की माने तो ग्रामीणों की प्रतिरोधक क्षमता व गांव का खुला वातावरण इसका प्रमुख कारण है।
पर्याप्त है इंतजाम
अधिकारियों के मुताबिक कोरोना संकट से निपटने के लिए नजफगढ़ सब-डिवीजन में पर्याप्त इंतजाम है। खैरा डाबर स्थित चौ. ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेदिक चरक संस्थान में बृहस्पतिवार से पूर्व 50 बेड की व्यवस्था थी। जिसे बढ़ाकर अब 100 कर दिया गया है। फिलहाल अस्पताल में 63 मरीज भर्ती है और सभी का आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज जारी है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जैसे ही ये 100 बेड भर जाएंगे, बेड की संख्या को और बढ़ा दिया जाएगा।
इलाज के लिए आने वालों की कोरोना जांच जरूरी
अतिरिक्त निदेशक प्रशासनिक डा. योगेश कुमार पांडे ने बताया कि मुख्य इमारत को कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए ही संरक्षित कर दिया गया है और ओपीडी को फिलहाल दूसरी इमारत में चलाया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के कारण ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या कम हो गई है। इलाज के लिए आने वाले प्रत्येक मरीज की कोरोना जांच सुनिश्चित हो रही है, जिसमें 20 से 25 फीसद संक्रमण दर दर्ज किया जा रहा है। चुनौतियों की अगर बात करें तो फिलहाल स्थिति सामान्य है। स्नातकोत्तर के विद्यार्थी कोविड वार्ड में अपना सराहनीय योगदान दे रहें है। जहां तक आक्सीजन की बात है, फिलहाल अस्पताल में आक्सीजन की कमी से जुड़ी कोई परेशानी नहीं है। अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन उपलब्ध है। जाफरपुरकलां स्थित रावतुला राम अस्पताल की बात करें तो वहां भी आक्सीजन की कमी की कोई शिकायत नहीं है। टेस्टिंग, ट्रेसिंग व ट्रीटमेंट इस रणनीति पर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग लगातार काम कर संक्रमण को नियंत्रित करने की दिशा में प्रयासरत है।
एहतियात के तौर पर साप्ताहिक बाजार बंद
लोग कर्फ्यू व रात्रि कर्फ्यू का पूरी ईमानदारी के साथ पालन कर रहे हैं। इसके अलावा आठ इंफोर्समेंट टीमें सब-डिवीजन में घूम-घूम कर स्थिति का जायजा ले रही है और लापरवाही बरतने वाले लोगों के खिलाफ चालान काटे जा रहे हैं। इसके अलावा एहतियात के तौर पर सोम बाजार रोड पर लगने वाले साप्ताहिक बाजार को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही झाड़ौदा कला बस स्टैंड के पास लगने वाली सब्जी मंडी में विक्रेताओं को आगाह किया गया है कि वे नियम का पालन सुनिश्चित करें। इसके लिए सिविल डिफेंस और पुलिस टीम को भी नियुक्त किया गया है।
विनय कौशिक, एसडीएम, नजफगढ़ सब-डिवीजन