Haryana Farmer Protests: हरियाणा के रेवाड़ी में किसानों के कब्जे से खाली कराया गया हाई-वे

Delhi Jaipur Highway Farmers Protest ग्रामीणों ने कहा कि एक महीने से आंदोलनकारियों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे को बंधक बनाया हुआ है जिससे आसपास के ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। हाईवे का ट्रैफिक गांव से गुजर रहा है तथा पानी की पाइप लाइनें टूट चुकी हैं।

By JP YadavEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 02:16 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 01:53 PM (IST)
Haryana Farmer Protests: हरियाणा के रेवाड़ी में किसानों के कब्जे से खाली कराया गया हाई-वे
फिर से पंचायत कर आगामी रणनीति तैयार की जाएगी।

नई दिल्ली/रेवाड़ी [कृष्ण कुमार यादव]। दिल्ली में हुई घटना के बाद पुलिस जहां हाईअलर्ट पर थी, वहीं मसानी व राजस्थान-हरियाणा सीमा पर बैठे आंदोलनकारियों के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता जा रहा था। बुधवार सुबह एक बार उस समय टकराव की स्थिति बन गई, जब आसपास के कई गांवों केलोग पंचायत करने के बाद आंदोलनकारियों के पास पहुंच गए। आंदोलनकारी व स्थानीय ग्रामीणों के आमने-सामने होने से एक बार जिला व पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव भी फूल गए थे, मगर जल्दी ही पुलिस को राहत भरी खबर मिल गई। ग्रामीणों का पलड़ा भारी देखकर सड़क पर बैठे कथित किसानों ने खुद ही जाना शुरू कर दिया।

प्रशासन ने दिए थे सुझाव

आंदोलनकारियों में स्थानीय लोगों की भागीदारी नगण्य थी, मगर बावल के रामकिशन महलावत व उनके कुछ साथी आंदोलन को खुला समर्थन देरहे थे। बुधवार को स्थानीय ग्रामीणों व आंदोलनकारियों का जब आमना-सामना हुआ तब दूसरे राज्यों के किसानों ने भी अपनी ओर से स्थानीयकिसान नेता रामकिशन महलावत को आगे किया। डीएसपी अमित भाटिया खुद भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस बल की मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई। बातचीत के दौरान भी दोनों पक्षों में खूब तनातनी हुई।

दोनों पक्षों की बातचीत के बाद डीएसपी अमित भाटिया ने किसानों से एनएच-352 के जरिए टीकरी या सिंघू बार्डर पर जाने, एनएच-352 व एनएच-48 के पास पहले वाली जगह पर धरना पर बैठने और वापस शाहजहापुर खेड़ा बॉर्डर पर धरना देने का सुझाव दिया था।

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देर शाम स्थानीय ग्रामीणों की भावना के अनुसार आंदोलनकारी किसान शाहजहांपुर खेड़ा बार्डर की ओर लौट गए। इससे डूंगरवास, मसानी, जोनावास, तीतरपुर, निगानियावास, खरखड़ा, रसगण, जीतपुरा व निखरी सहित आस-पास के कई गांवों के लोगों को ही नहीं बल्कि कसौला चौक के रास्ते धारूहेड़ा की ओर जाने वाले लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ रही थी।

 

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