VIDEO: अब संस्कृत में भी कुमार विश्वास की कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है कविता, आप भी सुनें

कुमार विश्वास की एक प्रसिद्ध कविता है कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है। कवि प्रेमियों ने कभी न कभी कविता को सुना जरूर होगा। कुमार जब कहीं किसी कवि सम्मेलन में जाते हैं तो वहां मौजूद लोग एक बार सुनना जरूर चाहते हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 09:10 AM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 09:10 AM (IST)
VIDEO: अब संस्कृत में भी कुमार विश्वास की कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है कविता, आप भी सुनें
कवि प्रेमियों ने कभी न कभी इस कविता को सुना जरूर होगा और गुनगुनाया भी होगा।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। कवि कुमार विश्वास की एक बहुत ही प्रसिद्ध कविता है कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है। कवि प्रेमियों ने कभी न कभी इस कविता को सुना जरूर होगा और गुनगुनाया भी होगा। कुमार जब कहीं किसी कवि सम्मेलन में जाते हैं तो वहां मौजूद उनके प्रशंसक उनकी आवाज में इसे एक बार सुनना जरूर चाहते हैं, उनकी फरमाइश भी की जाती है। इस कविता को कई बार छोटे-बड़े और बच्चों को भी सुनते-सुनाते और गुनगुनाते देखा जा सकता है। अब उनकी इसी कविता को वाराणसी के एक युवक इंद्रजीत साकेत ने संस्कृत में अपना स्वर दिया है। कुमार की एक प्रशंसिका शालिनी ने युवक के वीडियो को ट्वीट किया जिसे देखकर कुमार ने आभार व्यक्त करते हुए उसे रिट्वीट किया है।

❤️🇮🇳 https://t.co/qcH13uaiU9— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) October 21, 2021

वाराणसी के इंद्रजीत साकेत ने इसे जिस अंदाज में चुटकी बजाते हुए गाया है वो भी अपने आप में बेहतरीन है। एक मिनट 13 सेकंड के इस वीडियो को अब तक हजारों लोग देख चुके हैं, रिट्वीट कर चुके हैं और पसंद भी कर चुके हैं ये सिलसिला लगातार जारी है।
कुमार अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट ट्विटर पर काफी एक्टिव रहते हैं वो देश के तमाम सामाजिक मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते रहते हैं, अपनी कविताएं शेयर करते रहते हैं। प्रशंसकों की ओर से पोस्ट की जा रही चीजों का जवाब देते रहते हैं। कई बार उनकी कविताओं को अलग-अलग तरह से गाने के वीडियो भी प्रशंसक उनको टैग करते हुए पोस्ट करते रहते हैं, इसी कड़ी में ये एकदम अपनी तरह का नया वीडियो सामने आया है। आज के समय में जब संस्कृत एक तरह से शहरी जीवन से गायब सी होती जा रही है ऐसे में किसी प्रसिद्ध कविता का संस्कृत वर्जन सामने आने से हर किसी की उत्सुकता हो रही है कि आखिर इस कविता को किस तरह से गाया गया होगा।
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