श्रीराम महोत्सव के जरिये विहिप संपूर्ण भारत में करेगा रामत्व का प्रसार

आयोजन में विहिप के वरिष्ठ पदाधिकारी भी शामिल होंगे। यह कुछ राम मंदिर निर्माण में जन भागीदारी के लिए चलाए गए निधि समर्पण अभियान की तरह होगा। देशभर में काेरोना बेकाबू है तो विहिप के लोग सरकार व स्थानीय प्रशासन के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए इसका आयोजन करेंगे।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 06:12 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 06:12 PM (IST)
श्रीराम महोत्सव के जरिये विहिप संपूर्ण भारत में करेगा रामत्व का प्रसार
आयोजित होगी प्रभात फेरी, सभा, हवन-कीर्तन, शोभायात्रा, उपासना, गोष्ठी समेत अन्य कार्यक्रम।

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। चैत्र नवरात्र के आरंभ के साथ विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने संपूर्ण भारत के लोगों में रामत्व के प्रसार की तैयारी की है। इसके लिए उसने श्रीराम महोत्सव का शुभारंभ किया है। 15 दिनों का यह महोत्सव हनुमान जयंती (27 अप्रैल) तक चलेगा। इससे साढ़े पांच लाख गांवों व प्रखंडों के 65 करोड़ से अधिक लोगों को जोड़ने की तैयारी है। इसमें प्रभात फेरी, शोभायात्रा, सभा, हवन-कीर्तन, उपासना व गोष्ठी समेत अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विशेष बात कि स्थानीय स्तर के इस आयोजन में विहिप के वरिष्ठ पदाधिकारी भी शामिल होंगे। यह कुछ राम मंदिर निर्माण में जन भागीदारी के लिए चलाए गए "निधि समर्पण अभियान' की तरह होगा। देशभर में काेरोना बेकाबू है तो विहिप के लोग सरकार व स्थानीय प्रशासन के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए इसका आयोजन करेंगे। कहीं-कहीं इसका आयोजन वर्चुअल भी होगा। इसमें भारत में जन्में सभी धर्म, पंथ, संप्रदाय को जोड़ने की कोशिश होगी।

15 दिवसीय यह महोत्सव हनुमान जयंती तक

विहिप के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार ने अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सैकड़ों सालों के संघर्ष को याद करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले व मंदिर ट्रस्ट के गठन के बाद पिछले वर्ष पांच अगस्त को वह शुभ घड़ी आई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राममंदिर निर्माण के लिए आधारशिला रखीं। नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के अलावा आंदोलन में शामिल रहे साधु-संत व नेता भी मौजूद रहे।

साढ़े पांच लाख से अधिक गांव व प्रखंडों तक पहुंचने की कोशिश

इसके बाद विहिप ने ट्रस्ट की आज्ञा से मंदिर निर्माण में आम लोगों के जुड़ाव के लिए निधि समर्पण अभियान चलाया, जो 42 दिन के छोटे समय पर पांच लाख 37 हजार गांवों और बस्तियों में पहुंचकर राम जन्म भूमि के लिए निधि समर्पण प्राप्त किया। 12 करोड़ 73 लाख परिवारों ने अपने राम के मंदिर के लिए पैसा दिया। सबको निमंत्रण था। इसमें 18 लाख 34 हजार से अधिक कार्यकर्ता लगे। जिन्होंने 65 करोड़ से अधिक लोगों से अर्पण लिया।

भारत में जन्में सभी धर्म, मत, पंथ संप्रदाय को जोड़ने का होगा प्रयास

यह रामराज्य की शुरूआत है। अब इस श्री राम उत्सव के माध्यम से हर किसी के दिल में रामत्व का प्रसार किया जाएगा। तकरीबन साढ़े पांच लाख गांवों व प्रखंडों में इसका आयोजन होगा। हर व्यक्ति राम के संदेशों को जीवन में उतारने का संकल्प लेगा। यह आनन्द उत्सव किसी के विरोध में नहीं होगा। उन्होंने कहा कि 21 वीं शताब्दी भारत की है। यहीं से विश्व का स्थायी सुख-शांति का मार्ग निकलता है। उस भारत के निर्माण का यह उत्सव होगा।

विहिप के केंद्रीय पदाधिकारी करेंगे प्रवास

इस अभियान को विहिप व्यापक स्तर पर चलाने की तैयारी है। इसके लिए केंद्रीय पदाधिकारी प्रवास करेंगे। केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार हरियाणा व दिल्ली, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव व विहिप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय अवध, केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु व दक्षिण के राज्यों में इस दौरान प्रवास कर राम उत्सव में शामिल होंगे। इसी तरह संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे पूर्वोत्तर और बंगाल, संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन पंजाब व हरियाणा तथा दादा वेदक पश्चिमी महाराष्ट्र में प्रवास करेंगे। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि राम उत्सव स्थानीय परिस्थिति को ध्यान में रखकर स्थानीय संगठन तैयार करेगा। इसमें बौद्ध, सिख, जैनी, सनातनी, आर्य समाजी, वाल्मीकि व रविदासी के साथ ही भारत में जन्में सभी धर्म और मत पंत संप्रदाय के लोग भाग लेंगे।

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