पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद राजनीतिक हिंसा पर विहिप ने जताई चिंता

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने पश्चिम बंगाल में गत तीन दिनों से चल रही हिंसा आगजनी लूटपाट धमकियों तथा राजनैतिक विद्वेषपूर्ण हमलों पर गहरी चिंता जताई है। उसने कहा है कि इस हिंसा से न सिर्फ देश को शर्मसार किया है बल्कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं को भी तार-तार किया है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 01:38 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 01:38 PM (IST)
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद राजनीतिक हिंसा पर विहिप ने जताई चिंता
कहा-हिंसा, आगजनी व लूटपाट पर अबिलम्ब विराम लगाए राज्य सरकार-विहिप।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने पश्चिम बंगाल में गत तीन दिनों से चल रही हिंसा, आगजनी, लूटपाट, धमकियों तथा राजनैतिक विद्वेषपूर्ण हमलों पर गहरी चिंता जताई है। उसने कहा है कि इस हिंसा से न सिर्फ देश को शर्मसार किया है बल्कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं को भी तार-तार किया है। राज्य में मतगणना के दौरान प्रारंभ हुए अनेक प्रकार के अनवरत हमलों पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए विहिप के केन्द्रीय महा-मंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि बंगाल में हिन्दू समाज भयाक्रांत है और जिनके पास राज्य की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है वे अपनी आंखें मूंदे बैठे हैं।

राज्य के लगभग हर हिस्से से लगातार यही खबरें आ रही हैं कि हिन्दू घरों, मंदिरों, बस्तियों, बहिन-बेटियों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को टीएमसी के कार्यकर्ता व जिहादी तत्व सरेआम हिंसा, आगजनी व लूटपाट का शिकार बना रहे हैं। अनेक हिंदुओं को राजनैतिक प्रतिद्वंदियों द्वारा लगातार धमकियां भी दी जा रही हैं तथा इन सब मामलों में स्थानीय पुलिस-प्रशासन मूक दर्शक बन तमाशा देख रहा है। ये हिंसा अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों की जान ले चुकी तथा अनेक घर, दुकानें, मंदिर, बस्तियां व व्यावसायिक प्रतिष्ठान स्वाह हो चुके हैं। हिंसा की शिकार हुतात्माओं के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए विहिप महामंत्री ने मांग की कि राज्य शासन हिंसा के तांडव को अबिलंब रोक कर दंगाइयों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें।

परांडे ने यह भी कहा कि राज्य सरकार के उदासीन रवैए को गंभीरता से लेते हुए अब केंद्र सरकार भी यथोचित कार्यवाही करें। जहां सुरक्षा-बल तक सुरक्षित ना हों वहां सामान्य नागरिकों का क्या हाल होगा, यह आसानी से समझा जा सकता है। वर्तमान शासन व राजनैतिक नेतृत्व द्वारा क्षुद्र राजनैतिक विद्वेष से अपने ही नागरिकों पर हो रहे भीषण अत्याचारों पर मूकदर्शक बन मुंह मोड़ लेना हिंसा को बढ़ावा देने से कम नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में हिन्दू समाज को भी अपनी रक्षा का पूर्ण अधिकार है, जिसका वह प्रयोग करेगा।

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