Delhi Auto Sector: दिल्ली में वाहनों की बिक्री ने पकड़ा टॉप गियर
बीते वर्ष अप्रैल से लेकर जुलाई तक दो लाख तीन हजार वाहनों के पंजीकरण हुए थे जबकि इस वर्ष अप्रैल से जुलाई तक 80 हजार से अधिक वाहनों के पंजीकरण हुए हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन में पटरी से उतरी राष्ट्रीय राजधानी की अर्थव्यवस्था अनलॉक-1 से फिर से पटरी पर आ रही है। अनलॉक-1 से अब तक वाहनों की बिक्री में लगातार वृद्धि हुई है। मार्च के अंत से लेकर अप्रैल तक वाहनों का पंजीकरण पूरी तरह से बंद रहा था। चार मई से वाहनों का पंजीकरण शुरू होने पर जो आंकड़े सामने आए हैं, वे अर्थव्यवस्था की बेहतरी की तरफ इशारा कर रहे हैं। परिवहन विभाग को इस वर्ष वाहनों के पंजीकरण के जरिये जो राजस्व प्राप्त हुआ है, वह बीते वर्ष की तुलना में तो कम है, लेकिन दो माह तक कोई पंजीकरण न होने के बावजूद राजस्व की स्थिति संतोषजनक मानी जा रही है।
बीते वर्ष अप्रैल से लेकर जुलाई तक दो लाख तीन हजार वाहनों के पंजीकरण हुए थे, जबकि इस वर्ष अप्रैल से जुलाई तक 80 हजार से अधिक वाहनों के पंजीकरण हुए हैं। इनमें से मई में मात्र 8861 वाहनों के ही पंजीकरण हुए थे। यह संख्या जुलाई में बढ़कर 37 हजार 490 पहुंच गई है। अब तक पंजीकृत वाहनों में दोपहिया वाहनों की संख्या करीब 80 हजार और कारों की संख्या 20 हजार से अधिक है। अप्रैल में किसी भी वाहन का पंजीकरण नहीं हुआ था, हालांकि इस दौरान 912 दोपहिया और 944 कारों की बिक्री जरूर हुई थी।
इस वर्ष जुलाई में रोड टैक्स के रूप में 90.4 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है, जबकि वर्ष 2019 में जुलाई में 39 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। बीते वर्ष मई से जुलाई तक एक लाख 4928 दोपहिया वाहनों के पंजीकरण हुए, जबकि कोरोना महामारी के दौर में इस वर्ष मई से जुलाई तक 59 हजार 392 वाहनों के पंजीकरण हुए हैं। वहीं 2019 में मई-जुलाई तक 59 हजार 157 कारों का पंजीकरण हुआ था, जो इस वर्ष इस अवधि में 20 हजार 702 तक पहुंच गया है।