Vegetable Price Hike: दिल्ली-एनसीआर में भी सब्जियों के दाम पहुंचे आसमान पर
Delhi Vegetable Price Hike सब्जी व्यापारियों का कहना है कि बारिश के चलते सब्जियों के दामों में इजाफा हुआ है और इसमें कमी की कोई उम्मीद संभावना भी नजर नहीं आ रही है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के चलते सब्जियों का उत्पादन प्रभावित हुआ है।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। पेट्रोल और डीजल के चलते महंगाई की मार झेल रहे दिल्ली-एनसीआर के लोगों को एक और झटका लगा है। पिछले कई दिनों से कुछ राज्यों में लगातार हुई बारिश के चलते सब्जियों की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है, इसका असर दिल्ली-एनसीआर पर भी पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि सब्जियों की कीमतोें ने कमी आने की उम्मीद फिलहाल कम ही है। दरअसल, लगातार बारिश की वजह से सब्जियां खेतों में ही खराब हो गई, जिससे सब्जियों के दामों में इजाफा हो गया है। दिल्ली में भी बारिश से सब्ज़ियां खराब होने से सब्ज़ियों के दाम बढ़ गए हैं। ओखला मंडी के एक सब्ज़ी विक्रेता ने बताया कि दूर-दूर से सब्ज़ियां आ रही हैं, बारिश में कोई सब्जी नहीं बची है। इतनी दूर से आने की वजह से सब्ज़ियों के दाम तो महंगे हो ही जाएंगे।
उधर, सब्जी व्यापारियों का कहना है कि बारिश के चलते सब्जियों के दामों में इजाफा हुआ है और इसमें कमी की कोई उम्मीद संभावना भी नजर नहीं आ रही है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के चलते सब्जियों का उत्पादन प्रभावित हुआ है। ऐसे में प्याज और टमाटर के अलावा परवल समेत अन्य तमाम सब्जियों के दाम इन दिनों बढ़े हुए हैं। जो आलू पहले 12 से 16 रुपये प्रति किलो मिल रहा था वह 14 से 18 रुपये प्रति किलो हो गया है। भिंडी पहले 20 रुपये प्रति किलो थी वह 30 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है। इसी तरह प्याज 30 से 40 रुपये पहुंच गया है। सर्दियों के मौसम में पसंद किया जाने वाला मटर 60 से 100 रुपये हो गया है। वहीं, बैंगन 15 रुपये से 30 रुपये पहुंच गया है। इसके दाम दुगुने हो गए हैं। अदरक भी 60 से उछलकर सीधे 100 रुपये हो गया है।
दिल्ली की ओखला मंडी में भी बेमौसम बारिश और बढ़ती तेल कीमतों का असर सब्जियों के दामों पर साफ दिखाई दे रहा है। मध्य वर्गीय लोगों ने महंगी सब्जियों से दूरी बना ली है। लोगों ने दालों पर निर्भरता बढ़ा दी है। वहीं, कीमतों की वजह से सब्जियां काफी महंगी हो गई हैं, ऐस में मंडियों में ग्राहकों का आना-जाना काफी घट गया है। इसके असर सब्जी के थोक विक्रेताओं पर भी पड़ रहा है, क्योंकि उनका माल नहीं बिकने से सड़ने लगा है, जिसे वे फेंकने के लिए मजबूर हो रहे हैं।