झंडेवाला देवी मंदिर में माता रानी के जयकारों के साथ गूंज रहे वेद मंत्र

मंदिर समिति के प्रबंधक रविंद्र गोयल ने बताया कि मंदिर समिति की ओर से पूर्वी दिल्ली के मंडोली इलाके में वेद विद्यालय चलाया जा रहा है। जहां बच्चों को सनातन धर्म और वेद पुराणों की शिक्षा दी जाती है।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 04:30 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 04:30 PM (IST)
झंडेवाला देवी मंदिर में माता रानी के जयकारों के साथ गूंज रहे वेद मंत्र
पूजा को लेकर मां का विशेष शृंगार भी किया जा रहा है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी के झंडेवाला देवी मंदिर में इन दिनों माता रानी के जयकारों के साथ वेद मंत्रों की गूंज भी लोगों को सुनाई दे रही है। मंदिर में रोजाना सुबह-शाम वेद मंत्रों का उच्चारण किया जा रहा है। मंदिर की ओर से चलाए जाने वाले वैदिक विद्यालय से आए छात्र मंदिर में मंत्रों का उच्चारण करते हैं, जो आरती के बाद किया जाता है। इसका भक्तों को लाभ मिल रहा है। वहीं, शनिवार को मंदिर में मां चंद्रघंटा और कूष्मांडा की पूजा-अर्चना की गई। दोनों स्वरूपों के आधार पर मां का विशेष शृंगार भी किया गया।

मंदिर समिति के प्रबंधक रविंद्र गोयल ने बताया कि मंदिर समिति की ओर से पूर्वी दिल्ली के मंडोली इलाके में वेद विद्यालय चलाया जा रहा है। जहां बच्चों को सनातन धर्म और वेद पुराणों की शिक्षा दी जाती है। इसी विद्यालय में पढ़ने वाले चार बच्चे रोजाना मंदिर आते हैं और दरबार के बाहर बैठकर सुबह की आरती और शाम की आरती के बाद एक घंटे तक वेद मंत्रों का उच्चारण करते हैं।

इसमें वह ऋग्वेद और सामवेद समेत अन्य वेदों के मंत्रों और पुराणों में लिखे देवी के मंत्र का उच्चारण किया जाता है। इससे यह माना जाता है कि मां भगवती प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर कृपा करती हैं। मंदिर में कतार में लगे भक्त इन मंत्रों का श्रवण करते हैं। मंदिर समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि वेद मंत्रों का उच्चारण करने से व्यक्ति के आत्म शुद्धि के साथ वातावरण भी शुद्ध होता है। इससे इस बार वेद मंत्रों का उच्चारण कराया जा रहा है।

इसके अलावा मंदिर में रोजाना बड़ी संख्या में सुबह से रात तक भक्त परिवार के साथ आकर दर्शन कर रहे हैं, जिसके लिए प्रसाद की व्यवस्था मंदिर समिति की ओर से की गई है। इसके साथ ही मंदिर में प्रसाद नहीं चढ़ने से भक्त आहत हैं। मंदिर के एप के जरिये लोग अपना पंजीकरण भी करा रहे हैं, जिसके बाद उन्हें लंबी कतार में नहीं लगना पड़ता है। वे एप के माध्यम से बने क्यूआर कोड को दिखाकर मंदिर में प्रवेश कर लेते हैं।

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