सरकारी स्कूलों में टीकाकरण हुआ बंद तो डिस्पेंसरी व अस्पतालों में दोबारा शुरू की व्यवस्था

अब हर कोई टीकाकरण कराने के लिए उत्सुक है।उम्मीद है कि थोड़े समय के लिए ही सही पर अधिक से अधिक 45 वर्ष से अधिक लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। सरकार की कोशिश है कि जिन लोगों को पहला डोज लग चुका है सर्वप्रथम उन्हें दूसरा डोज मिले।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 05:14 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 05:14 PM (IST)
सरकारी स्कूलों में टीकाकरण हुआ बंद तो डिस्पेंसरी व अस्पतालों में दोबारा शुरू की व्यवस्था
दक्षिण-पश्चिमी और पश्चिमी जिले में 15-15 साइटों पर टीकाकरण फिलहाल बंद।

नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। कोवैक्सिन टीके की डोज खत्म होने के कारण दक्षिण-पश्चिमी जिले और पश्चिमी जिले की 15-15 साइटों पर 18 से 44 वर्षीय लोगों के लिए टीकाकरण की सुविधा फिलहाल बंद है। इसके चलते एक तरफ जहां 18 से 44 वर्षीय लोग काफी परेशान है, तो वहीं दूसरी तरफ 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की परेशानियां कम हुई है। असल में जिन सरकारी स्कूलों में 18 से 44 वर्षीय लोगाें के लिए टीकाकरण की सुविधा बंद हो गई है, उससे संबद्ध डिस्पेंसरियों व सरकारी अस्पतालों में एक बार फिर 45 वर्ष से अधिक उम्र के लिए टीकाकरण की शुरुआत कर दी गई है।

जहां तक कोविड अस्पतालों जैसे डीडीयू अस्पताल, जनकपुरी अतिविशिष्ट अस्पताल, रावतुलाराम अस्पताल व आचार्य श्री भिक्षु अस्पताल में टीकाकरण की बात है, वहां सुरक्षा के लिहाज से टीकाकरण की सुविधा को शुरू नहीं किया जाएगा। उनके स्वास्थ्य कर्मचरियों को गैर-कोविड अस्पतालों में तैनात कर वहां टीकाकरण की सुविधा का विस्तार किया गया है। हालांकि यह सुविधा केवल तभी तक जारी रहेगी जब तक स्वास्थ्य विभाग को 18 से 44 वर्षीय लोगों के लिए पर्याप्त कोवैक्सिन के टीके उपलब्ध नहीं हो जाते है।

बृहस्पतिवार को दादा देव मातृ एवं शिशु अस्पताल में दो और साइटों को एक बार फिर शुरू कर दिया गया है। ज्ञात हो मार्च व अप्रैल में अस्पताल में टीकाकरण की छह साइट जारी थी, पर स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी के कारण साइटों की संख्या को घटाकर दो कर दिया गया था। जिसके कारण अस्पताल के बाहर टीकाकरण कराने वाले लोगों की लंबी कतार लगनी शुरू हो गई। पर एक बार फिर टीकाकरण का दायरा बढ़ने से लोग खुश है। विशेषज्ञों के मुताबिक दिल्ली में 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की जनसंख्या करीब 60 लाख है, जिसमें से अभी तक केवल 20 से 25 लाख लोगों का ही टीकाकरण हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि तीन मई से 18 से 44 वर्षीय लोगों के लिए टीकाकरण की सुविधा शुरू होने के साथ 45 वर्षीय लोगों के लिए साइटें कम हो गई है। जिसके कारण 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टीकाकरण कराने में काफी परेशानी हो रही है। विशेषकर वे लोग जिन्होंने टीके का पहला डोज लगवा लिया है। पर अच्छी बात यह है कि संक्रमण की दूसरी लहर ने लोगों के मन में विश्वास पैदा कर दिया है कि टीकाकरण जरूरी व पूरी तरह सुरक्षित है।

अब हर कोई टीकाकरण कराने के लिए उत्सुक है। ऐसे में उम्मीद है कि थोड़े समय के लिए ही सही पर अधिक से अधिक 45 वर्ष से अधिक लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। सरकार की कोशिश है कि जिन लोगों को पहला डोज लग चुका है, सर्वप्रथम उन्हें दूसरा डोज मिले। जिससे की वे पूरी तरह सुरक्षित हों। जहां तक वैक्सिन की उपलब्धता की बात है, 45 वर्ष से अधिक उम्र के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में कोवैक्सिन टीके के डोज उपलब्ध है। ऐसे में जिसे पहला डोज काेवैक्सिन का लगा है, उसे हर हाल में दूसरा डोज भी कोवैक्सिन का ही लगेगा।

कोविशिल्ड की नहीं है कमी

अधिकारियों का कहना है कि कोविशिल्ड टीके की मौजूदा समय में कोई कमी नहीं है। हालांकि 18 से 44 वर्षीय लोगों के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास केवल दस दिन के डोज उपलब्ध है, पर इस बात की पूरी उम्मीद है कि समय रहते टीके के नए डाेज हर हाल में मुहैया करा दिए जाएंगे। यहीं कारण है कि 18 से 44 वर्षीय लोगों के लिए आगामी दिनों में जो नए टीका केंद्र शुरू होंगे, वहां कोविशिल्ड टीके के ही डोज लगाएं जाएंगे। पश्चिमी जिले में केवल कुंवर सिंह नगर स्थित सरकारी स्कूल की तीन साइटों पर बृहस्पतिवार को कोवैक्सिन टीका 18 से 44 वर्षीय लोगों को लगाया गया है, जो अब खत्म हो गया है।

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