Unnati Agritech Platform: डिजिटल टेक्नोलाजी की मदद से कृषि उद्यमी को अपने कारोबार में दे रहे विस्तार
वर्ष 2022 तक ‘उन्नति’ के जरिये हरियाणा राजस्थान आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के किसानों तक पहुंचने की योजना है। हाल ही में कंपनी ने करीब तीन हजार किसान उत्पादक संगठनों को समर्थन देने का फैसला लिया है जिससे करीब 15 लाख किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सके।
नई दिल्ली, अंशु सिंह। देश के किसानों को सशक्त करने, उनके उत्पाद, फसल को बाजार तक पहुंचाने एवं उसका उचित मूल्य दिलवाने के उद्देश्य के साथ शुरुआत हुई थी ‘उन्नति’ की। यह एक ऐसा आनलाइन प्लेटफार्म है, जहां से किसान बीज से लेकर ऋण सब कुछ प्राप्त कर सकते हैं। कंपनी के सह-संस्थापक अमित सिन्हा की मानें, तो वे किसानों को एक उद्यमी के रूप में देखना चाहते हैं, जो फसल की पैदावार से लेकर उसे बाजार तक पहुंचाने की पूरी जिम्मेदारी स्वयं संभाल सकें। इन्होंने देश के 48 जिलों में करीब 4500 ग्राउंड पार्टनर स्टोर्स के साथ हाथ मिलाया है, जो किसानों को कृषि संबंधी आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराएंगे। अब तक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र एवं ओडिशा के 2.75 लाख से अधिक किसान इनके प्लेटफार्म पर पंजीकरण करा चुके हैं।
‘उन्नति’ एक ऐसा एग्रीटेक प्लेटफार्म है, जो कृषि उद्योग से जुड़े लोगों के सशक्तीकरण के लिए कार्य कर रहा है। डिजिटल टेक्नोलाजी की मदद से ये कृषि उद्यमी अपने कारोबार को विस्तार दे पा रहे हैं। इस प्लेटफार्म से किसान बैंकिंग सर्विस से लेकर फसलों से संबंधित अन्य जानकारी हासिल कर सकते हैं। वे अपने बजट में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं। यहां किसानों के लिए आसान ऋण की व्यवस्था भी है। न्यूनतम ब्याज दर एवं बिना किसी चीज को गिरवी रखे, किसानों को ऋण मिल सकता है। कंपनी के सह-संस्थापक अमित सिन्हा बताते हैं कि हमारे देश के किसान पारंपरिक खेती में विश्वास करते हैं। लेकिन इस प्लेटफार्म से किसानों को बीजारोपण के सही समय से लेकर फसलों की निगरानी करने, उनकी नमी के स्तर का पता करने आदि की जानकारी विस्तार में मिलती है। इसके माध्यम से वे अपने फसल एवं उत्पाद को बड़े बाजार तक पहुंचा सकते हैं। अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। कह सकते हैं कि उन्नति छोटे रिटलेर्स एवं उद्यमियों को तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान के साथ बिजनेस करने के लिए वन स्टाप प्लेटफार्म है।
शुरुआती स्तर पर रहीं चुनौतियां
अमित एवं इनके साथी अशोक प्रसाद दोनों छोटे शहरों से ताल्लुक रखते हैं। वे जानते हैं कि कैसे शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों व छोटे शहरों में तकनीक की पहुंच सीमित है। इसी कारण दोनों ने एग्रीकल्चर इकोसिस्टम को नये सिरे से गढ़ने का निर्णय लिया। कृषि के डिजिटाइजेशन पर ध्यान केंद्रित किया। अमित बताते हैं,शुरुआती दौर में कई स्तरों पर चुनौतियां रहीं। इसमें सप्लाई चेन विकसित करना प्रमुख था। हमारे रिटेलर्स एवं किसान तकनीक में उतने सिद्धस्त नहीं थे। उन्हें जागरूक करने में समय लगा। हालांकि इसका लाभ कोरोना काल में मिला। किसानों से लेकर छोटे उद्यमी तक ने डिजिटल टेक्नोलाजी को अपनाया।
निवेशकों ने जताया विश्वास
उन्नति ने प्री-सीरीज ए राउंड की फंडिंग के तहत नैबवेंचर्स (नाबार्ड) से करीब बारह करोड़ रुपये जुटाए हैं। इससे पहले गेंबा कैपिटल एवं अन्य एंजेल इनवेस्टर्स से भी करीब दो मिलियन डालर जुटाए थे। अमित की मानें, तो डिजिटाइजेशन के अलावा निवेशकों की रुचि एवं सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से एग्रीटेक इंडस्ट्री का व्यापक विकास हुआ है। आने वाले समय में इसके और बढ़ने की संभावना है। आंकड़ों पर गौर करें, तो २०२५ तक एग्रीटेक इंडस्ट्री के करीब २४ बिलियन डालर तक पहुंचने का अनुमान है। महामारी के दौरान भी जिस प्रकार से नये एग्रीटेक स्टार्टअप शुरू हुए हैं, उससे भविष्य के प्रति उम्मीद जगती है। हम भी आने वाले समय में देश के अन्य क्षेत्रों में अपनी सेवाओं का विस्तार करेंगे, ताकि अधिक से अधिक किसानों को लाभ पहुंच सके।
जिम्मेदारी के साथ किया हर काम
बिजनेस में कदम रखने से पहले अमित पेटीएम माल के सीओओ पद पर तैनात थे। वहां उन्होंने सीएफओ, एचआर हेड की जिम्मेदारी संभाली। लेकिन एक समय आया, जब उन्होंने अपने सहयोगी के साथ मिलकर कुछ नया शुरू करने का निर्णय लिया। वह कहते हैं, मैंने एक आर्गेनाइजेशन के गठन में छोटी-बड़ी हर भूमिका निभायी है। कई बार शून्य से शुरुआत की है यानी बात चाहे कारपोरेट सेक्टर में काम करने की हो या अपना बिजनेस संभालने की हो, सब कुछ आपके ऊपर निर्भर होता है कि आप कैसे काम करते हैं। मैंने जिम्मेदारी के साथ दोनों जगहों पर कार्य किया।
‘उन्नति कंपनी के सह-संस्थापक अमित सिन्हा