अनलॉक में खोली जा रही हैं आर्थिक गतिविधियां, सरकार को हुई 1636.37 करोड़ की आमदनी
दिल्ली में घटते राजस्व स्तर को सुधारने के लिए धीरे धीरे सभी कुछ खोला जा रहा है। होटल और साप्ताहिक बाजार को खोलने से भी फायदा होगा।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। कोरोना महामारी ने न केवल दिल्ली की रौनक छीन ली, बल्कि दिल्ली के राजस्व पर भी लगाम लगा दी है। पिछले वर्ष के मुकाबले दिल्ली इस बार अभी तक आधा ही राजस्व एकत्र कर पाई है। यदि आने वाले दिनों में भी राजस्व वसूली में तेजी नहीं आई तो अगले बजट में कई परियोजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।
सरकार के लिए राजस्व जुटाने का जीएसटी और वैट ही मुख्य स्रोत है।
इस वित्त वर्ष में एक अप्रैल से 30 जून तक 2958 करोड़ रुपये ही एकत्रित हो पाए थे, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 6136 करोड़ रुपये एकत्रित हुए थे। यानी यह राशि पिछले साल की अपेक्षा आधे से भी 110 करोड़ कम थी।
इसके बाद जुलाई में दिल्ली सरकार को 1636.37 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से 31 जुलाई के आंकड़ों को देखें तो अभी तक 4560 करोड़ की राशि दिल्ली सरकार को टैक्स के रूप में मिली है। जबकि पिछले वर्ष जुलाई तक 8635 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्रित हुआ था। यानी राजस्व कुछ बढ़ा है, जो आंकड़ा 30 जून को आधे से भी कम था।
अब 31 जुलाई को आधे से 242 करोड़ ऊपर पहुंच गया है, हालांकि यह राजस्व बढ़ने की सही स्थिति नहीं है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण मार्च में ही आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होने लगी थीं।
25 मार्च से केंद्र सरकार ने लॉकडाउन लगा दिया था। इस कारण दिल्ली में आर्थिक गतिविधियां बिल्कुल बंद हो गई थीं। हालत यह रही कि इस वर्ष पहली तिमाही में काफी कम राजस्व हासिल हुआ था। ऐसे में घटते राजस्व के स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने अनलॉक में फिर आर्थिक गतिविधियों को शुरू किया।
होटल-साप्ताहिक बाजार खोलने से भी होगा फायदा
दिल्ली में घटते राजस्व स्तर को सुधारने के लिए धीरे धीरे सभी कुछ खोला जा रहा है। होटल और साप्ताहिक बाजार को खोलने से भी फायदा होगा। दिल्ली में करीब पांच लाख लोग इससे जुड़े हुए हैं। दिल्ली में कई होटल और सैकड़ों की संख्या में साप्ताहिक बाजार दिल्ली में लगते हैं। इन बाजार और होटल से दिल्ली सरकार व दिल्ली नगर निगम को भी करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है।