केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन बोले अनलाक के बाद और ज्यादा सावधानी की जरुरत, करें नियमों का पालन
मामले कम होना संक्रमण रुकने की गारंटी नहीं है। अनलाक के बाद और ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत है। चाहे मास्क ठीक प्रकार से लगाना हो या फिर शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना हो। उक्त बातें चांदनी चौक से सांसद व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने कही।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना के मामले कम होना संक्रमण रुकने की गारंटी नहीं है। हमें अनलाक के बाद और ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत है। चाहे मास्क ठीक प्रकार से लगाना हो या फिर शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना हो। यह हमें जारी रखना है। उक्त बातें चांदनी चौक से सांसद व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने कही। वह चांदनी चौक में जीर्णोद्वार के बाद तैयार हुई नवीनीकृत हरदयाल म्यूनिसिपल हेरिटेज पब्लिक लाइब्रेरी के उद्धाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कोरोना पर विजय प्राप्त करने के लिए गंभीरता से सावधानियां बरतने के साथ टीकाकरण की गति को भी बढ़ाना है। योग्य लाभर्थियों को टीके को लेकर हिचक दूर करने की जरुरत है। हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना को लेकर शुरुआत से गंभीरता से कार्य किया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने लाला हरदयाल का स्मरण करते हुए कहा कि वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख क्रांतिकारी थे । उन्होंने न केवल भारतीयों को स्वतंत्रता आंदोलन के लिए प्रेरित किया अपितु विदेशों में भारतीयों को स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान देने को तैयार किया । उन्होंने कहा कि उनके नाम पर स्थापित यह लाइब्रेरी ज्ञान का भंडार है।
इसमें दुर्लभ ग्रंथ, पांडुलिपियां और छह भाषाओं अंग्रेजी, हिन्दी, उर्दू, अरबी, फारसी और संस्कृत की पुस्तकें हैं । कार्यक्रम में तीनों निगम के महापौर जय प्रकाश, अनामिका और निर्मल जैन समेत कई निगम पार्षद मौजूद रहे।
लाइब्रेरी में हैं दुर्लभ पुस्तकें
चांदनी चौक में स्थित हरदयाल म्यूनिसिपल हेरिटेज पब्लिक लाइब्रेरी की स्थापना 1862 में हुई थी। लाइब्रेरी में 1677 की हिस्ट्री ऑफ वर्ल्ड, 1810 का हस्तलिखित भागवत पुराण, भृगु संहिता, फारसी भाषा में महाभारत, अकबर के नवरत्न अबुल फजल द्वारा लिखित महाभारत, हिंदी में कुरान और बृज भाषा की पहली पुस्तक भी उपलब्ध है । यहां आठ हजार दुर्लभ पुस्तकें, 350 पांडुलिपि, 1917 से लेकर 1988 तक के गजट और एक लाख 70 हजार किताबें हैं । जिनका डिटीटलीकरण का कार्य चल रहा है। जिसे आने वाले चार माह में पूरा कर दिया जाएगा।
हर्षवर्धन की पहल पर ही हुआ जीर्णोद्वार: जय प्रकाश
उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने बताया कि डा हर्षवर्धन की वजह से ही इस लाइब्रेरी का जीर्णोद्वार संभव हो पाया है। क्योंकि उन्होंने इसके लिए तीन करोड़ का फंड उपलब्ध कराया था। जिसमें 1.80 लाख करीब जीर्णोद्वार में लगा है बाकि राशि से पुस्तकों का डिजीटलीकरण किया जा रहा है। ताकि वह हमेशा के लिए संरक्षित रहे। उन्होंने बताया कि यह इमारत संरक्षित इमारत हैं इसलिए इसका जीर्णोद्धार भी विशेषज्ञों की देखरेख में किया गया है।