नियमों से अनजान, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से दिल्ली आने वाले हवाई यात्री हो रहे परेशान

समस्या तब होती है जब यात्री प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाते हैं। दरअसल कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत से महाराष्ट्र आंध्रप्रदेश व तेलंगाना राज्य से आने वाले यात्रियों के लिए आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य कर दिया गया है।

By Jp YadavEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 10:36 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 10:36 AM (IST)
नियमों से अनजान, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से दिल्ली आने वाले हवाई यात्री हो रहे परेशान
नियमों से अनजान, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से आने वाले हवाई यात्री हो रहे परेशान

नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्रा]। आंध्रप्रदेश व तेलंगाना से आने वाले कई हवाई यात्री जिनके पास आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं होती, वे आइजीआइ एयरपोर्ट पर उतरने के साथ ठगा महसूस कर रहे हैं। ऐसे यात्रियों को जब यह पता चलता है कि आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट नहीं होने की कीमत उन्हें अब अपने खर्चे पर क्वारंटाइन में रहकर गुजारनी होगी तो वे बिफर पड़ते हैं। दिल्ली एयरपोर्ट पर प्रशासन की ओर से तैनात अधिकारियों को ऐसे यात्रियों को समझाने में काफी परेशानी हो रही है। समस्या तब होती है जब यात्री प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाते हैं। दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत से महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश व तेलंगाना राज्य से आने वाले यात्रियों के लिए आरटीपीसीआर जांच अनिवार्य कर दिया गया है।

नियम के अनुसार इन्हें दिल्ली में आने की अनुमति तभी मिलेगी जब इनके पास आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट हो, लेकिन एयरलाइंस वालों की अनदेखी के कारण कई यात्रियों को इस नियम के बारे में जानकारी नहीं होती। ऐसे यात्री बिना रिपोर्ट के लिए दिल्ली पहुंच जाते हैं। अब भेदभाव की बात यहां से शुरू होती है। महाराष्ट्र से आने वाले विमानों के ऐसे यात्री जिनके पास आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं होती, उनके लिए एयरपोर्ट पर ही आरटीपीसीआर जांच की व्यवस्था की जाती है। तीन से चार घंटे में उनकी रिपोर्ट आ जाती है। यदि रिपोर्ट पाजिटिव हो तो वे अपने घर में आइसोलेशन में रखे जाते हैं। लेकिन आंध्रप्रदेश व तेलंगाना से आने वाले ऐसे यात्री जिनके पास आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट नहीं होती, उनके लिए यहां जांच की कोई व्यवस्था नहीं होती। ऐसे यात्रियों को संस्थागत क्वारंटाइन में रहना अनिवार्य है। यानि 15 दिनों के लिए वे प्रशासन की निगरानी में ही रहेंगे। समस्या यह है कि ऐसे यात्री जिन्हें इस नियम के बारे में पता नहीं है, उनमें से कई अत्यंत जरूरी कार्य से दिल्ली आते हैं।

कई लोगों के नजदीकी रिश्तेदार बीमार होते हैं या फिर कई लोग ऐसे भी होते हैं जिनके किसी करीबी का निधन हो चुका होता है। ऐसे लोगों को यह बताना कि आप अभी कहीं नहीं जा सकते हैं, प्रशासन के लिए बड़ा मुश्किल साबित होता है।यात्रियों का कहना है कि नियम चाहे जो भी हों, लेकिन भेदभाव तो किसी कीमत पर नहीं होना चाहिए। जिनके पास आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं है, उनके लिए एयरपोर्ट पर जांच की व्यवस्था हो। यह सुविधा सभी को मिलनी चाहिए। यदि प्रशासन को कोई दिक्कत हो तो वह आरटीपीसीआर की फीस भी ले सकता है।

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