अदालत में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी का निहत्था होना चिंताजनक, कोर्ट नेे जताई नाराजगी

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) सोनू अग्निहोत्री ने यह टिप्पणी नायब कोर्ट (अदालत में तैनात पुलिसकर्मी जो पुलिस थानों और कोर्ट के बीच सामंजस्य का कार्य करता है) के बगैर हथियार रहने पर की। बीते दिनों हुई घटना के बाद शीर्ष अदालत भी इस बारे में चिंता जता चुकी है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 10:13 AM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 10:21 AM (IST)
अदालत में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी का निहत्था होना चिंताजनक, कोर्ट नेे जताई नाराजगी
अदालत में तैनात पुलिसकर्मी का निहत्थे रहना चिंताजनक है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अदालत में तैनात पुलिसकर्मी का निहत्थे रहना चिंताजनक है। बीते दिनों हुई घटना के बाद शीर्ष अदालत भी इस बारे में चिंता जता चुकी है। साकेत जिला अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) सोनू अग्निहोत्री ने यह टिप्पणी नायब कोर्ट (अदालत में तैनात पुलिसकर्मी जो पुलिस थानों और कोर्ट के बीच सामंजस्य का कार्य करता है) के बगैर हथियार रहने पर की। साथ ही नायब कोर्ट के व्यवहार को लेकर भी उच्च पुलिस अधिकारियों से जवाब मांगा है।

अदालत ने पाया कि नायब कोर्ट ने 24 नवंबर को बिना अनुमति के परिसर छोड़ दिया था। ऐसा करने पर एएसजे ने नायब कोर्ट से सवाल किया। नायब कोर्ट ने अपने जवाब में कहा कि वह निजी सुरक्षाकर्मी नहीं है। इस पर अदालत ने एक आदेश जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही कहा कि नायब कोर्ट का रवैया अजीब प्रतीत होता है। जब तक अदालत में कामकाज जारी है, तब तक किसी आवश्यक आदेश को पहुंचाने में आवश्यकता पड़ सकती है। नायब कोर्ट के कर्तव्यों संबंधी दस्तावेज मंगाया जाए और यह स्पष्ट किया जाए कि क्या अदालत में कामकाज जारी रहने तक अभियोजन नायब कोर्ट का मौजूद रहना अनिवार्य है या नहीं।

दक्षिण-पूर्वी जिले के पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी में फेल

अदालत ने पाया कि पूर्व में पुलिस आयुक्त को स्पष्टीकरण के लिए निर्देशित दो आदेश भी उन्हें न भेजकर पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को भेजे गए थे। आदेश में अदालत ने कहा, ऐसा लगता है कि दक्षिण-पूर्वी जिले के पुलिसकर्मी न केवल अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल हो रहे हैं, बल्कि इस अदालत के आदेशों को जानबूझकर दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों तक नहीं पहुंचने देने के प्रयास किए जा रहे हैं। अदालत ने ये निर्देश आरोपित हिमांशु कुमार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए दिए। हिमांशु पर अपनी पूर्व प्रेमिका का पीछा करने और इंटरनेट पर तस्वीरें पोस्ट करने का आरोप है।

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