केजरीवाल सरकार का एक्‍शन, दो प्राइवेट अस्पतालों ने कोविड एप पर दी बेडों की गलत जानकारी, FIR दर्ज

बेड उपलब्ध होने की सही जानकारी देने के लिए कोविड एप लांच किया था। उनकी ओर से शुरू की गई इस सुविधा पर दो निजी अस्पतालों की ओर से गलत जानकारी दी गई। इस वजह से इन दोनों अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एफआइआर दर्ज की गई है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 04:35 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 04:44 PM (IST)
केजरीवाल सरकार का एक्‍शन, दो प्राइवेट अस्पतालों ने कोविड एप पर दी बेडों की गलत जानकारी, FIR दर्ज
गलत जानकारी पाए जाने पर इन दोनों अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एफआइआर दर्ज की गई है।

नई दिल्ली, एएनआइ। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में मरीजों को अस्पतालों के बारे में बेड उपलब्ध होने की सही जानकारी देने के लिए कोविड एप लांच किया था। उनकी ओर से शुरू की गई इस सुविधा पर दो निजी अस्पतालों की ओर से गलत जानकारी दी गई। गलत जानकारी पाए जाने पर इन दोनों अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एफआइआर दर्ज की गई है। एएनआइ के हवाले से बताया गया है कि इन दोनों अस्पतालों पर डी़डीएम एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।

सरकार ने साल 2020 में लांच किया था एप

दिल्ली सरकार ने ये एप साल 2020 में ही लॉन्च किया था। सरकार के इस एप का नाम Delhi Corona Covid App (कोविड एप) है। इस एप को एंड्रॉयड और आईफोन पर डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप का इंटरफेस काफी आसान है। ऐप ओपन करते ही COVID 19 बेड्स की डीटेल्स दिखती हैं, जिससे आसानी से पता चल जाता है कि किस हॉस्पिटल में कितने बेड हैं। सरकार ने इस एप को शुरू ही इसलिए किया था कि अस्पताल अपने यहां खाली बेडों की जानकारी देते रहेंगे और मरीज उस हिसाब से उस अस्पताल में जाकर अपना इलाज करवा पाएगा।

पहले ही दी थी चेतावनी फिर भी की गई लापरवाही

सीएम अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इसमें उन्होंने साफ कहा कि दिल्ली सरकार संक्रमण को रोकने के लिए मेहनत कर रही है। इसी के साथ कोरोना में प्रयोग की जाने वाली दवाइयों की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

उन्होंने कहा कि कोरोना के केस तेजी से बढ़ने की वजह से दिल्ली में ऑक्सीजन, रेमडिसिविर और बेडों की कमी होती जा रही है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि दवाओं की ब्लैक मार्केटिंग रोकी जाए और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही जो लैब क्षमता से अधिक सैंपल ले रही हैं मगर उनकी रिपोर्ट 24 घंटे में नहीं दे रही हैं उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए। इसी दौरान उन्होंने ये भी कहा था कि जो एप लांच किया गया है यदि उस पर कोई गलत जानकारी देता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ऐसे दो अस्पतालों के खिलाफ शिकायत मिली है।

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