DDA प्लाट के नाम पर ठगी में डीडीए के ही दो पूर्व कर्मचारी गिरफ्तार, आरोपितों पर 13 मुकदम हैं दर्ज

दिल्ली पुलिस की इओडब्ल्यू ने डीडीए प्लाट के नाम पर लोगों से ठगी में डीडीए के दो पूर्व कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। जाली आवंटन पत्र जारी कर आरोपितों ने 1.90 करोड़ रुपये डकार गए थे। उनकी पहचान प्रेम शंकर और राणा चौहान के रूप में हुई है।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 06:34 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 06:34 PM (IST)
DDA प्लाट के नाम पर ठगी में डीडीए के ही दो पूर्व कर्मचारी गिरफ्तार, आरोपितों पर 13 मुकदम हैं दर्ज
दिल्ली पुलिस की इओडब्ल्यू)ने डीडीए प्लाट के नाम पर ठगी करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (इओडब्ल्यू) ने डीडीए प्लाट के नाम पर लोगों से ठगी में डीडीए के दो पूर्व कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। जाली आवंटन पत्र जारी कर आरोपितों ने 1.90 करोड़ रुपये डकार गए थे। उनकी पहचान प्रेम शंकर शर्मा (68) और राणा प्रताप चौहान (72) के रूप में हुई है। प्रेम शंकर डीडीए में माली जबकि राणा प्रताप वरिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत थे। जबकि प्रेम शंकर खुद को डीडीए का सहायक निदेशक बताता था। हालांकि धेखाधड़ी में संलिप्त होने के कारण बाद में दोनों को विभाग ने बर्खास्त कर दिया गया था। आरोपितों पर ठगी के अलग-अलग कुल 13 मुकदम दर्ज हैं।  

इओडब्ल्यू के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर डॉ. ओ.पी. मिश्रा ने बताया कि आशीष शर्मा ने पुलिस में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि प्रेम शंकर शर्मा और उसके सहयोगी राणा प्रताप चौहान ने कृष्णा नगर में 250 वर्ग गज डीडीए की जमीन आवंटित करने के झासा देकर उनसे 1.90 करोड़ रुपये ऐंठ लिए। आरोपितों ने पीड़ित को बताया था कि उक्त प्लाट की सरकारी कीमत मात्र 22 लाख रुपये है। लेकिन इस प्लॉट का बाजार का मूल्य दो करोड़ रुपये से ज्यादा है। लेकिन वे यदि 1.90 करोड़ रुपये अदा कर देते हैं तो उक्त प्लाट उन्हें मिल सकता है।

पीड़ित ठगों के झांसे में आ गए और उन्हें रुपये दे दिए। शक ना हो इसके लिए आरोपितों ने आशीष शर्मा को डीडीए का फर्जी आवंटन पत्र भी दे दिया। फर्जीवाड़े का पता चलने पर पीड़ित ने आरोपितों से रुपये वापस मांगे। लेकिन उन्हें फर्जी चेक दे दिए गए। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की तो आरोप सही पाए गए। जिसके बाद इस्पेक्टर एके सिंह की टीम ने एक दिसंबर को प्रेम शंकर शर्मा और राणा प्रताप चौहान को गिरप्तार कर लिया।

पूछताछ में पता चला कि दोनों आरोपित ठगी के 13 मामले में संलिप्त हैं। वे डीडीए प्लाट के नाम पर विशेषकर व्यापारी वर्ग को निशाना बनाते थे। दोनों डीडीए के यूनियन के नेता भी थे।  

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