Delhi: श्रम मंत्रालय के रिटायर्ड वरिष्ठ अधिकारी से 5.24 करोड़ की ठगी, दो आरोपित गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 80 वर्षीय बुजुर्ग दंपती को निवेश करने पर बेहतर रिटर्न का लालच देकर 5.24 करोड़ रुपये ठगने वाले दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने बुजुर्ग दंपती को अपनी कंपनी इकाउंसिलर वेबटेक प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से शिकार बनाया।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 01:16 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 01:16 PM (IST)
Delhi: श्रम मंत्रालय के रिटायर्ड वरिष्ठ अधिकारी से 5.24 करोड़ की ठगी, दो आरोपित गिरफ्तार
बुजुर्ग दंपती को बेहतर रिटर्न देने का झांसा दे 5.24 करोड़ की ठगी

नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 80 वर्षीय बुजुर्ग दंपती को निवेश करने पर बेहतर रिटर्न का लालच देकर 5.24 करोड़ रुपये ठगने वाले दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मामले में दिल्ली के पालम स्थित तमिल एन्क्लेव निवासी अंकित ठाकुर व हरियाणा के गुरुग्राम स्थित भोंडसी निवासी विनोद आर्य को गिरफ्तार किया है।

पुलिस के अनुसार आरोपितों ने बुजुर्ग दंपती को अपनी कंपनी इकाउंसिलर वेबटेक प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से शिकार बनाया। यह कंपनी वेबसाइट डेवलपमेंट का काम करती है। पीड़ित बुजुर्ग श्रम मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। आरोपितों ने उनके दृष्टिहीन होने का फायदा भी उठाया। इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने इस वर्ष 25 मई को एफआइआर दर्ज किया था।

ईओडब्ल्यू के अतिरिक्त आयुक्त आरके सिंह ने ने बताया कि द्वारका सेक्टर 10 में बुजुर्ग बी बालाकृष्णन पत्नी कल्याणी बालाकृष्णन के साथ रहते हैं। उनके बेटे अमेरिका में रहते हैं। बी बालाकृष्णन श्रम मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारी के पद से रिटायर हो चुके हैं और अपने बच्चों के साथ अमेरिका में रहना चाहते थे। इसके लिए बुजुर्ग दंपती ने अपनी अचल संपत्ति को बेचने का फैसला किया था। इसके लिए वह खरीददार तलाश कर रहे थे, इसी बीच उनका संपर्क दोनों आरोपितों से हुआ था। आरोपितों ने उन्हें रुपये अपनी कंपनी में निवेश कर मोटा मुनाफा देने की योजना बताई। इसके बाद पीड़ित ने रुपये आरोपितों के बैंक खातों में जमा कर दिया। इन रुपयों को आरोपित ने वेबसाइट प्रोडक्शन के नाम पर दुरुपयोग किया।

आरोपितों ने विश्वास जीतने के लिए दिए फर्जी चेक

पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच में पता चला कि आरोपितों ने पीड़ित का विश्वास जीतने के लिए फर्जी बैंक खातों के फर्जी चेक भी दिए जो बाउंस हो गए। चुकी बुजुर्ग दृष्टिहीन थे इस लिए उन्हें यह नहीं पता चला कि चेक किस तरह के हैं। आरोपितों को पकड़ने के लिए एसीपी अनिल समोता के नेतृत्व में एसआइ सतीश डागर, एसआइ लखन सिंह, हवलदार धनवीर, सुबोध और सिपाही बीर सिंह की टीम बनाई गई। पुलिस टीम ने दोनों आरोपितों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

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