नई तकनीक और व्यवस्था को जानने के लिए पुणे में जुटेंगे देशभर के परिवहन अधिकारी

पुणे में भविष्य की यातायात व्यवस्थासड़क सुरक्षा की नई तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का संचालन सहित प्रबंधन की तमाम बारीकियों को जानने के लिए प्रशिक्षण किया जाएगा।

By Edited By: Publish:Tue, 02 Jul 2019 09:24 PM (IST) Updated:Wed, 03 Jul 2019 04:30 PM (IST)
नई तकनीक और व्यवस्था को जानने के लिए पुणे में जुटेंगे देशभर के परिवहन अधिकारी
नई तकनीक और व्यवस्था को जानने के लिए पुणे में जुटेंगे देशभर के परिवहन अधिकारी

नई दिल्ली, जेएनएन| आठ जुलाई से पुणे में होने वाले प्रशिक्षण में देशभर के परिवहन अधिकारी महाराष्ट्र के पुणे शहर में जुटेंगे। इस प्रशिक्षण में भविष्य की यातायात व्यवस्था,सड़क सुरक्षा की नई तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का संचालन सहित प्रबंधन की तमाम बारीकियों को जानने के लिए यह प्रशिक्षण किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण पुणे में स्थित सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट (सीआइआरटी)में होगी। इसमें उत्तर प्रदेश के 27 अधिकारी भी हिस्सा लेंगे।

गौतमबुद्ध नगर से एआरटीओ अधिकारी अरुणेंद्र कुमार पांडेय भी इस प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए पुणे जाएगें। कार्यशाला में शामिल होने वाले अधिकारियों के लिए प्रदेश के परिवहन विभाग की ओर से 15 लाख रुपये की राशि भी स्वीकृत हो गई है। इस कार्यशाला में लेक्चर, वीडियो, प्रयोगात्मक के जरिये जानकारी दी जाएगी। आखिर में अधिकारियों से उनके रूटीन कार्य के अनुभवों को जाना जाएगा। कार्यशाला में निकलने वाले निष्कर्ष को भारत सरकार के पास भेजा जाएगा। 

केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद इस नई व्यवस्था को लेकर देशभर में लागू किया जाएगा। परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2014 में नए सड़क परिवहन एवं सुरक्षा विधेयक के प्रस्ताव के तहत अधिकारियों को यातायात से संबंधित भविष्य की नई योजनाओं को लेकर जागरूक करना। नई तकनीक में दक्ष बनाने के लिए केंद्र सरकार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया था।

इसमें केंद्र व राज्यों के परिवहनस्थित विभागों,परिवहन प्राधिकरणों,परिवहन निगमों,यातायात पुलिस और निगरानी एजेंसियों आदि के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाना था। इनका आयोजन देशभर में परिवहन से जुड़े विभिन्न संस्थानों में किया जा रहा है। जिसमें से एक सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट(सीआइआरटी) भी शामिल है।

इस वर्ष यह अभियान के तहत पांचवीं कार्यशाला है। और इन मुद्दों पर होगी चर्चा प्रशिक्षण के तहत अधिकारियों को वाहन प्रदूषण,सड़क दुर्घटनाओं की जांच,नए मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तकनीकी पक्षों,सड़क सुरक्षा प्रबंधन,ईधन मानक,सीएनजी व एलपीजी किटों की गुणवत्ता,मोटर वाहन विभाग में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल, सुरक्षित परिवहन ढांचे से संबंधित योजना व डिजाइन की जानकारी, वाहनों का टाइप एप्रूवल, केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली, वाहन से निकलने वाले धुएं व नियंत्रण, सड़क परिवहन से जुड़े नियम-कानून व प्रशासन, परिवहन प्ला¨नग व सुरक्षा से जुड़े अंतरराष्ट्रीय पाठ्यक्रम, वाहनों में वैकल्पिक ईधन, इलेक्ट्रिक वाहनों की जानकारी इस प्रशिक्षण में दी जाएगी। 

विदेश से आए विशेषज्ञ भी देंगे जानकारी 

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विदेश से भी विशेषज्ञ भी जानकारी देंगे। वह यहां यातायात व्यवस्था को दुरुस्त रखने के नए तरीके और अपने शहर में अपनाई जा रही तकनीकों के बारे में बातयें जाएगा। वाहनों की संख्या बढ़ने से आने वाली मुश्किलों से निपटने के लिए,प्रदूषण स्तर को कम करने,इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के प्रयोग, नए ईधन व नए इंजन वाले वाहनों के प्रयोग जैसी कई चीजों के बारे में जानकारी देंगे।

अरुणेंद्र कुमार पांडेय, एआरटीओ प्रशासन में बताया कि अधिकारियों के लिए एक दिवसीय कार्यक्रम है । जिसमें पेट्रोलियम कंजर्वेशन रिसर्च एसोसिएशन (पीसीआरए) और ऑटोमोटिव रिसर्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) का पाठ्यक्रम होगा और इसमें सारे प्रशिक्षण अधिकारियों शामिल होना जरूरी है। कार्यशाला में यातायात से संबंधित नई योजनाओं पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशासनिक,विभागीय आदि के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।

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