Air Pollution Update: नवंबर में जहरीली हवा ने तोड़ दिया पांच साल का रिकार्ड

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर 2016 में गंभीर श्रेणी यानी 400 से ऊपर के एयर इंडेक्स वाले 10 दिन दर्ज हुए थे। वर्ष 2017 में यह संख्या सात 2018 में पांच 2019 में सात और 2020 में नौ दिन रही थी।

By Jp YadavEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 07:10 AM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 09:28 AM (IST)
Air Pollution Update: नवंबर में जहरीली हवा ने तोड़ दिया पांच साल का रिकार्ड
Air Pollution Update: नवंबर में जहरीली हवा ने तोड़ दिया पांच साल का रिकार्ड

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। इस साल दिल्ली में नवंबर का महीना पिछले पांच सालों में सर्वाधिक प्रदूषित रहा है। 2016 से लेकर अब तक इस माह में गंभीर श्रेणी की हवा वाले सर्वाधिक दिन दर्ज किए गए हैं। रविवार तक माह के 28 दिनों में से एक भी दिन दिल्ली वासियों को अच्छी, संतोषजनक और मध्यम श्रेणी की हवा नहीं मिली। शेष बचे अगले दो दिनों में भी दिल्ली की हवा गंभीर या बहुत खराब श्रेणी में ही रहने वाली है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर 2016 में गंभीर श्रेणी यानी 400 से ऊपर के एयर इंडेक्स वाले 10 दिन दर्ज हुए थे। वर्ष 2017 में यह संख्या सात, 2018 में पांच, 2019 में सात और 2020 में नौ दिन रही थी। इस साल नवंबर में रविवार तक गंभीर श्रेणी के एयर इंडेक्स वाले दिनों की संख्या 12 पहुंच गई। 14 दिन एयर इंडेक्स बहुत खराब और दो दिन दिन खराब श्रेणी में दर्ज हुआ।पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार मानसून की देर से वापसी और उत्तर भारतीय राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं भी देर से शुरू होने के कारण इस साल हवा इतनी खराब रही है। पराली जलाने के मामले आमतौर पर नवंबर के मध्य तक शून्य स्तर पर आने लगते हैं, जबकि इस साल नवंबर के आखिर तक भी सिर्फ कम हुए हैं, खत्म नहीं।

सेंटर फार साइंस एंड एन्वाययरमेंट (सीएसई) की कार्यकारी निदेशक अनुमिता राय चौधरी कहती हैं, इस सीजन में पराली जलाने की धीमी शुरुआत देखी। आमतौर पर नवंबर तक पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामले कम होने लगते हैं। लेकिन इस बार अक्टूबर में यह मामले ज्यादा नहीं थे, लेकिन नवंबर के पहले सप्ताह में बढ़ने लगे। हालांकि प्रदूषण का चरम मुख्य रूप से दिल्ली-एनसीआर में स्थानीय प्रदूषकों के कारण है।

अनुमिता राय चौधरी के मुताबिक, ''वर्तमान में दिल्ली के पीएम 2.5 में पराली के धुएं की हिस्सेदारी महज दो से छह प्रतिशत है, जिसका अर्थ है कि अब हम जो गंभीर प्रदूषण स्तर देख रहे हैं, वह दिल्ली के स्थानीय प्रदूषण का परिणाम है। इसलिए स्थानीय प्रदूषण स्त्रोतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है। वहीं मौसम विभाग के पर्यावरण और अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वी के सोनी ने बताया कि पराली की आग के साथ इस महीने स्थानीय मौसम भी प्रदूषकों के फैलाव के लिए प्रतिकूल था। दिल्ली ने इस महीने कई दिन देखे जब धीमी और शांत हवाएं दर्ज की गईं। वीके सोनी ने कहा, ''जहां आमतौर पर नवंबर प्रदूषण के लिए एक बुरा महीना होता है, वहीं इस बार हमने कई दिनों में धीमी और शांत हवाएं भी देखीं।'' “पूर्वानुमान कहता है कि 29-30 नवंबर से पहले सुधार की संभावना नहीं है। प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी के ऊपरी छोर पर रहने की संभावना है।'

नवंबर माह में दिल्ली का एयर इंडेक्स (एक से 28 तारीख) एक नवंबर - 281 दो नवंबर - 303 तीन नवंबर - 314 चार नवंबर - 399 पांच नवंबर - 469 छह नवंबर - 437 सात नवंबर - 428 आठ नवंबर - 390 नौ नवंबर - 404 10 नवंबर - 372 11 नवंबर - 411 12 नवंबर - 471 13 नवंबर - 437 14 नवंबर - 330 15 नवंबर - 353 16 नवंबर - 403 17 नवंबर - 375 18 नवंबर - 347 19 नवंबर - 381 20 नवंबर - 374 21 नवंबर - 349 22 नवंबर - 311 23 नवंबर - 290 24 नवंबर - 361 25 नवंबर - 400 26 नवंबर - 406 27 नवंबर - 402 28 नवंबर - 405

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