टूलकिट मामला: जवाब नहीं दाखिल करने पर हाई कोर्ट ने की केंद्र सरकार की खिंचाई
पीठ ने कहा कि क्या सरकार के लिए कोई अंतिम मौका होता है या नहीं। कहा कि ऐसे में अंतिम मौका दिया जाने का क्या मतलब है। पीठ ने यह सख्त टिप्पणियां तब की जब बताया गया कि केंद्र सरकार ने अपना जवाब नहीं दाखिल किया गया है।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। जांच से जुड़ी जानकारी लीक करने के खिलाफ जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की याचिका पर अंतिम मौका दिये जाने के बावजूद भी जवाब नहीं दाखिल करने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार की जमकर खिंचाई की। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि क्या भारत सरकार के लिए कोई अंतिम मौका होता है या नहीं। पीठ ने कहा कि ऐसे में अदालत द्वारा जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम मौका दिया जाने का क्या मतलब है। पीठ ने यह सख्त टिप्पणियां तब की जब बताया गया कि केंद्र सरकार ने अपना जवाब नहीं दाखिल किया गया है। पीठ ने 17 मार्च को केंद्र सरकार को अंतिम मौका देते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
कृषि कानून के विरोध में टूलकिट साझा करने के मामले में दिशा को किया गया था गिरफ्तार
हालांकि, पीठ ने केंद्र पर जुर्माना लगाने से तब मना कर दिया, जब केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए स्टैंडिंग काउंसल अजय दिगपाल ने कहा कि कोरोना के कारण अधिकारी कार्यालय नहीं आ रहे हैं और इसी कारण से जवाब नहीं दाखिल किया जा सका। पीठ ने इसके बाद केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए छह सप्ताह का और समय दिया।
यह है पूरा मामला
कृषि कानून के विरोध में एक टूलकिट मीडिया प्लेटफार्म पर साझा करने के आरोप में दिशा रवि को 13 फरवरी को बेंगलूरु से गिरफ्तार किया गया था। दिशा को 23 फरवरी को जमानत मिल गई थी। दिशा रवि ने उनके मामले से जुड़ी जांच सामग्री व उनके निजी चैन मीडिया को साझा न करने के संबंध में पुलिस को निर्देश देने की मांग की है। दिशा ने आरोप लगाया है कि मामले की जांच से जुड़े तथ्य मीडिया में लीक किए जा रहे हैं और पुलिस द्वारा प्रेस ब्रीफिंग पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं।