Tokyo Paralympics: कमजोरी को ताकत बना प्रवीण कुमार ने जीता सिल्वर मेडल, ऊंची कूद T46 स्पर्धा में बनाया रिकार्ड
Tokyo Paralympics मुबारकपुर निवासी प्रवीण कुमार ने टोक्यो पैरालिंपिक में ऊंची कूद T46 स्पर्धा में रजत पदक जीता है। उन्होंने पैरालंपिक में पदार्पण करते हुए 2.07 मीटर की कूद से एशियाई रिकार्ड के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
नई दिल्ली [पुष्पेंद्र कुमार]। दिल्ली के मुबारकपुर निवासी प्रवीण कुमार ने टोक्यो पैरालिंपिक में ऊंची कूद T46 स्पर्धा में रजत पदक जीता है। उन्होंने पैरालंपिक में पदार्पण करते हुए 2.07 मीटर की कूद से एशियाई रिकार्ड के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया है। प्रवीन ने बताया कि बचपन से ही एक पैर से दिव्यांग रहे हैं, उनका पैर सामान्य व्यक्ति के पैर से छोटा है। उन्होंनेे दिव्यांगता को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। पैरा कमेटी आफ दिल्ली के माध्यम से विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते रहे हैं, जहां खेले है वहां से सोना जीतकर निकले हैं।
उन्होंने बताया कि गौतमबुद्धनगर स्थित प्रज्ञान पब्लिक स्कूल में पढ़ाई के साथ हाई जंप की शुरूआत की। स्कूल स्तर पर कई ऊंची कूद प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर कई पदक जीते। एक प्रतियोगिता में एथलीट कोच डा. सत्यपाल से मुलाकात हुई और उन्होंने जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खेलने की सलाह दी। स्टेडियम में कोच ने ऊंची कूद की बड़ी बारीकी से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अब तक वर्ष 2019 में स्विट्जरलैंड में आयोजित जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक, दुबई में आयोजित सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में चौथे स्थान प्राप्त किया। हाल ही में वर्ल्ड पैरा गाइड प्रिक्स चैंपियनशिप स्वर्ण पदक के साथ 2.05 मीटर ऊंची कूद में एशियाई रिकार्ड भी बनाया था और आज भी पैरालंपिक में 2.07 मीटर की कूद से एशियाई रिकार्ड बनाया है।
कोच की तारीफ
सिल्वर मेडल जीतने के बाद प्रवीण कुमार ने अपने कोच सतपाल की जमकर तारीफ की। उन्होंने बताया कि सतपाल ने उन्हें अच्छी तरह से कोचिंग दी। इसकी वजह से वजह से वह मेडल जीतने में कामयाब हो पाए हैं। प्रवीण ने जीत का श्रेय कोच सतपाल और अपने परिजनों को भी दिया है।