Tokyo Olympic: बचपन से ही अनुशासित रहे हैं पहलवान रवि दहिया, जानिए खाने में क्या है पसंद
कोच ने बताया कि दूध व जूस के साथ साथ मुनक्का का पानी व बादाम को पीस कर पीना रवि को बहुत पसंद था। वह सुबह जल्दी उठ कर सबसे पहले अभ्यास करने पहुंचते थे। अभ्यास के दौरान रवि ने आलस्य नहीं किया।
नई दिल्ली [सोनू राणा]। छत्रसाल स्टेडियम के कोच को पहले से ही भरोसा था कि पहलवान रवि दहिया ओलिंपिक में भारत को पदक दिलवाएंगे। ओलिंपिक के लिए कोच रवि को करीब चार वर्ष से तैयारी करवा रहे थे। दरअसल, रवि बचपन से ही अनुशासन का पालन करते हैं। समय पर उठना, समय पर अभ्यास करना व समय पर खाना खाने के साथ-साथ वह गुरुओं से नये-नये दाव को लेकर चर्चा भी करते थे। उनकी कड़ी मेहनत व कुश्ती के प्रति अनुशासित होने की वजह से ही वह गुरुओं के चहेते बन गए थे। स्टेडियम के कोच उन पर इस कदर ध्यान देते थे कि उनको कमरा भी अपने कमरे के पास वाला दिया गया था, ताकि 24 घंटे उन पर फोकस किया जा सकें।
छत्रसाल स्टेडियम के सीनियर कुश्ती कोच ललित कुमार ने बताया कि रवि 13 वर्ष पहले स्टेडियम में कुश्ती के गुर सीखने आए थे। इससे पहले वह गांव के ही अखाड़े में अभ्यास करते थे। उन्होंने बताया कि रवि बचपन से ही अनुशासित रहे हैं। कभी कोई गलती करते थे तो कोच उनकी पिटाई भी करते थे। उन्होंने कभी इसका विरोध नहीं किया, वह हमेशा गलतियों से सीखते थे।
उन्होंने कहा कि रवि ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में जब हिस्सा लिया था। तब से ही विश्वास हो गया था कि यह लड़का भारत को मेडल देगा। उसके बाद से ही ओलिंपिक की तैयारी करवानी शुरू कर दी थी। उन्होंने बताया कि रवि को एक टीम कोचिंग देती थी। टीम में कोच प्रवीण, अजीत मान आदि शामिल हैं।
बादाम हैं रवि को पसंद
कोच ने बताया कि दूध व जूस के साथ साथ, मुनक्का का पानी व बादाम को पीस कर पीना रवि को बहुत पसंद था। वह सुबह जल्दी उठ कर सबसे पहले अभ्यास करने पहुंचते थे। अभ्यास के दौरान रवि ने आलस्य नहीं किया। कोच ललित ने बताया कि रवि को सबसे ज्यादा रस्सा चढ़ने व उतरने का अभ्यास करवाया जाता था।