सड़क पर हादसा रोकने के लिए फ्लाईओवर का डिवाइडर जल्द होगा ऊंचा, पीडब्ल्यूडी ने तैयार किया प्लान
सड़कों व फ्लाईओवरों के बीच में डिवाइडर काफी नीचे होने के कारण सामने से आ रहे वाहनों की हेडलाइट सीधे आंख पर पड़ती है। इससे दोनों दिशाओं से आने वाले वाहन चालकों को साफ दिखाई नहीं पड़ता है और हादसे का खतरा बना रहता है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी की सड़कों व फ्लाईओवरों के बीच में डिवाइडर काफी नीचे होने के कारण सामने से आ रहे वाहनों की हेडलाइट सीधे आंख पर पड़ती है। इससे दोनों दिशाओं से आने वाले वाहन चालकों को साफ दिखाई नहीं पड़ता है और हादसे का खतरा बना रहता है। चिराग दिल्ली, नेहरू प्लेस, आइआइटी, मुनिरका, बदरपुर व आश्रम फ्लाईओवरों के डिवाइडर नीचे होने के कारण इन पर यह समस्या हो रही है। राहगीरों ने बताया कि डिवाइडर नीचे होने से वाहन चालकों के साथ कई बार हादसा हो चुका है। हालांकि मोदी मिल फ्लाईओवर का डिवाइडर ऊंचा किया जा रहा है, जिससे इस मार्ग से होकर गुजरने वाले लाखों वाहन चालकों को काफी आराम हो जाएगा। राहगीर राकेश कुमार ने बताया कि रात के समय सामने की रोशन पड़ती है। इससे कई बार वाहन एक-दूसरे से टकरा भी गए हैं।
पीडब्ल्यूडी अधिकारी के अनुसार, मानक के हिसाब से डिवाइडर सड़क लेवल से 30 से 45 सेंटीमीटर तक के बनाए जाते हैं, वहीं फ्लाईओवरों पर इन्हें 60 सेंटीमीटर तक भी बनाया जाता है। हालांकि अलग-अलग मार्गो की जरूरत के अनुसार फ्लाईओवर के डिवाइडरों की उंचाई तीन फीट तक भी की जा सकती है। दरअसल, नीचे डिवाइडर वाली सड़कों पर जब कोई चालक हाई बीम हेडलाइट जलाकर गाड़ी चलाता है तो सामने से आने वाले वाहन चालक की आंख पर इसकी तेज रोशनी पड़ती है, जिससे उसे कुछ सेकेंड तक बिल्कुल दिखाई नहीं देता है। डिवाइडर ऊंचा कर दिए जाने से इस समस्या से काफी हद तक राहत मिल जाएगी। अधिकारी ने बताया कि डिवाइडर व रोड इंजीनियरिंग संबंधी समस्याओं को लेकर यातायात पुलिस के रोड इंजीनियरिंग सेल की ओर से पीडब्ल्यूडी को प्रस्ताव भेजे जाते हैं और समय-समय पर इनमें सुधार भी किया जाता है।