लोगों की मदद के लिए इस दंपति ने शुरू की फ्री एंबुलेंस सेवा, हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके ले सुविधा का लाभ

एक ओर एम्बुलैंस चालकों द्वारा मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं वहीं दिल्ली में कालिया दंपत्ति हैं जो लोगों को निश्शुल्क एम्बुलैंस की सेवा दे रहे हैं। हैरानी की बात है कि एम्बुलैंस चलाने वाले ट्विकंल कालिया खुद कैंसर की पीड़ित है और उनका इलाज चल रहा है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 07:18 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 07:18 PM (IST)
लोगों की मदद के लिए इस दंपति ने शुरू की फ्री एंबुलेंस सेवा, हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके ले सुविधा का लाभ
देशव्यापी लाकडाउन में भी की थी लोगों की मदद, कालिया दंपत्ति निश्शुल्क देते हैं एम्बुलैंस सेवा।

नई दिल्ली, [निहाल सिंह]। एक ओर जहां देशभर से एम्बुलैंस चालकों द्वारा लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं वहीं दिल्ली में कालिया दंपत्ति हैं जो लोगों को निश्शुल्क एम्बुलैंस की सेवा दे रहे हैं। हैरानी की बात है कि एम्बुलैंस चलाने वाले ट्विकंल कालिया खुद कैंसर की पीड़ित है और उनका इलाज चल रहा है। बावजूद इसके वह महामारी के इस दौर में कोरोना मरीजों को अस्पताल ले जाने से लेकर घरों में कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों का अंतिम संस्कार तक अपनी जान की परवाह किए बगैर कर रही है। दोनों दंपत्ति अप्रैल और मई में 150 से ज्यादा मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने का काम कर चुके हैं वहीं, 80 शवों का अंतिम संस्कार तक कर चुके हैं।

दिल्ली के प्रताप नगर से शहीद भगत हेल्प एंड केयर की हेल्पलाइन 8804102102 के जरिए लोगों की मदद के लिए दिन रात खड़े हैं। ट्विकंल कालिया बताती है कि पिछले लाकडाउन और इस बार के लाकडाउन में एक अंतर हैं कि पिछली साल उन्हें अपनी कैंसर की बीमारी का पता नहीं था और इस बार वह इस बीमारी से लड़ रही है। उन्होंने बताया कि उन्हें बीमारी जरुर हुई हैं लेकिन बीमारी ने उनका होसला बढ़ाया है और वह भगवान पर भरोसा कर लोगों की मदद कर रही है।

ट्विंकल कालिया के पति हिमांशु कालिया बताते हैं कि वह ट्विकंल को मना करते हैं, लेकिन वह अपनी जिद से यह कार्य करती है इसलिए अब उन्हें रोकते नहीं है। बस यह है कि अपने आप को बचाव के लिए पूरी सावधानी बरतते हैं। उन्होंने बताया कि भगवान जब तक साथ दे रहा है तब तक वह लोगों की इसी तरह सेवा करते रहेंगे।

इस बार बढ़ गया है खर्चा

हिमांशु कालिया बताते हैं कि इस बार बीमारी का प्रकोप ज्यादा होने से एम्बुलैंस चलाने के लिए खर्चा बढ़ गया है। पीपीई किट खरीदना हो या फिर लोगों को आक्सीजन उपलब्ध कराना हो। इसके लिए कई बार तो ऐसा हुआ है कि मरीज को आक्सीजन सपोर्ट के साथ अस्पताल पहुंचाना था, लेकिन सिलेंडर खाली होने पर ब्लैक में सिलेंडर भरवाना पड़ा ताकि मरीज को सही समय अस्पताल पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि कुछ लोग मदद कर रहे हैं लेकिन इस समय ज्यादा खर्चे हो रहे हैं इसलिए वह सामाजिक संस्थाओं से मदद की अपील भी कर रहे कि वह पीपीई किट या अन्य साधनों से मदद कर सके।

अपने नहीं लगा रहे हैं हाथ

टि्वकंल बताती है कि महामारी में लोग अपने माता-पिता तक का अंतिम संस्कार करने से घबरा रहे है। घर में मृत्यु होने पर लोग उन्हें अंतिम संस्कार करवाने के लिए मदद मांगते हैं, लेकिन शव को हाथ तक नहीं लगाते हैं। उन्होंने कहा कि कई लोग तो ऐसे हैं जो श्मशान घाट न जाकर वाट्सएप काल पर ही अंतिम संस्कार दिखाने की मांग करते हैं।

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