पायलट प्रोजेक्ट के तहत द्वारका में बनेंगे तीन आइसोलेशन सेंटर
जिला प्रशासन का उद्देश्य इन सेंटरों पर हल्के लक्षण वाले मरीजों का उपचार कराना है। इसके लिए जिला प्रशासन ऐसे चिकित्सकों की भी तलाश कर रहा है जो चिकित्सकीय उपकरण मुहैया करा सकें। यह कार्य पायलट प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है।
नई दिल्ली [भगवान झा]। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच लोगों को राहत देने के उद्देश्य से दक्षिणी पश्चिमी जिला प्रशासन ने द्वारका में तीन आइसोलेशन सेंटर बनाने की दिशा में पहल शुरू की है। यह कार्य पायलट प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है। अगर यह सफल रहा तो इसकी संख्या बढ़ाई जा सकती है। यह गैर सरकारी संगठन व आरडब्ल्यूए, स्थानीय संस्थाओं के साथ मिलकर बनाया जाएगा।
यहां होगा हल्के लक्षण वाले मरीजों का उपचार
जिला प्रशासन का उद्देश्य इन सेंटरों पर हल्के लक्षण वाले मरीजों का उपचार कराना है। इसके लिए जिला प्रशासन ऐसे चिकित्सकों की भी तलाश कर रहा है जो चिकित्सकीय उपकरण मुहैया करा सकें। इस दिशा में जिला प्रशासन ने फेडरेशन आफ सीजीएचएस द्वारका से अपील की है कि वे सोसायटियों के साथ बात कर जगह चिह्नित करने में मदद करें। हालांकि, पिछले वर्ष भी द्वारका की कई सोसायटियों में आइसोलेशन सेंटर बनाए गए थे, लेकिन उसका उपयोग नहीं के बराबर ही हुआ था, लेकिन इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले हालात ज्यादा खराब हैं। ऐसे में आइसोलेशन सेंटर बनने से कोरोना संक्रमित लोगों को जरूर सहूलियत होगी।
जगह की तलाश शुरू
फेडरेशन आफ सीजीएचएस द्वारका की अध्यक्ष सुधा सिन्हा ने बताया कि जिला प्रशासन ऐसी जगह की तलाश में है जहां पर 10 से 20 बेड लगाने की जगह हो। इसके लिए सोसायटियों में बात की जा रही है। आज का समय संकट से भरा हुआ है। ऐसे में सतर्कता रखना बहुत जरूरी है। इसको लेकर फेडरेशन की ओर से इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
द्वारका में बढ़ रहे हैं मामले
द्वारका में पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष ज्यादा मामले आ रहे हैं। इसी को देखते हुए जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है। आइसोलेशन सेंटर बनने से प्राथमिक स्तर पर कोरोना संक्रमितों का इलाज शुरू करने में सहूलियत होगी।