फर्जी चेक पर 68 लाख रुपये धोखाधड़ी की कोशिश में तीन गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच के डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि उत्तरी-पूर्वी जिला स्थिति अस्पताल के निदेशक ने नकली चेक द्वारा उनके खाते से 68.70 लाख रुपये की निकासी के प्रयास की शिकायत की थी। अस्पताल का पंजाब नेशनल बैंक में खाता है।
नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फर्जी चेक पर 68 लाख रुपये धोखाधड़ी करने की कोशिश में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपित अरविंद कुमार, कुल भूषण और लोकेंद्र राव एक नामी अस्पताल के नकली चेक से रुपये निकलाने की जुगत में थे। लेकिन, बैंक द्वारा इस संबंध में खाता मालिक को भेजे गए एसएमएस से धेखाधड़ी होने से बच गई। आरोपित अरविंद कुमार एनजीओ का मालिक है। कुल भूषण और लोकेंद्र राव के कहने पर वह अपने खाते में रुपया स्थानांतरित करवाने पर राजी हो गया था।
क्राइम ब्रांच के डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि उत्तरी-पूर्वी जिला स्थिति अस्पताल के निदेशक ने नकली चेक द्वारा उनके खाते से 68.70 लाख रुपये की निकासी के प्रयास की शिकायत की थी। अस्पताल का पंजाब नेशनल बैंक में खाता है। अस्पताल का नकली चेक भुगतान के लिए पश्चिम विहार स्थित इंद्रप्रस्थ सहकारी बैंक में जमा कराया गया था। इस संबंध में पीड़ित को एमएसएस प्राप्त हुआ।
इसकी जानकरी मिलते ही वे हैरान रह गए और उन्होंने बैंक से चेक का भुगतान तुरंत रोक देने को कहा था। उधर पुलिस ने गत वर्ष मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू की थी। जांच में पता चला कि जाली चेक एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) केयर एंड लाइफ स्टाइल फाउंडेशन द्वारा भुगतान के लिए बैंक में जमा कराया गया था।
जिसके बाद पुलिस ने 28 फरवरी को एनजीओ के मालिक अरविंद कुमार को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि धोखाधड़ी में लोकेंद्र और कुलभूषण शामिल हैं। लोकेंद्र ने अरविंद कुमार को बताया था कि उनके पास 68.70 लाख रुपये का चेक है।
चेक की राशि यदि एनजीओ के खाते में आ जाती है तो तीनों इस रुपये को आपस में बांट लेंगे। लालच में अरविंद एनजीओ के खाते में रुपये जमा करवाने के लिए राजी हो गया था। इसका पता चलने पर पुलिस ने एक मार्च को लोकेंद्र राव और कुल भूषण को भी गिरफ्तार कर लिया। लोकेंद्र पहले इंश्योरेंस कंपनी में फील्ड आफिसर का काम कर चुका है। जबकि कुल भूषण बैटरी रिक्शा चलाता है।