कोरोना की खात्मे की दुआ में उठे हजारों हाथ एक साथ, घर में सादे तरीके से मनी ईद

इस बार लोगों ने एक-दूसरे के घर जाने या बाहर से लोगों को बुलाने में एहतियात बरती। संक्रमण की मौजूदा देखते हुए यह जरूरी था। वैसे फोन और वाट्सएप समेत संचार के अन्य माध्यमों से लोगों ने एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी।

By Prateek KumarEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 11:19 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 11:19 AM (IST)
कोरोना की खात्मे की दुआ में उठे हजारों हाथ एक साथ, घर में सादे तरीके से मनी ईद
लोगों ने खुशियों के त्योहार ईद को सादगी से मनाई।

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। राष्ट्रीय राजधानी में ईद का त्यौहार सादगीपूर्ण तरीके से मनाया गया। लोगों ने कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति और लाकडाउन को देखते हुए मस्जिदों व ईदगाहों की जगह घरों में नमाज पढ़ी और मुल्क समेत विश्व से इस महामारी के खत्म हो जाने की दुआ की। ईद के मौके पर घरों और लोगों में रौनक देखती ही बनती है। दस्तखान लोगों और लजीज पकवानों से भरे होते हैं। पर इस बार लोगों ने एक-दूसरे के घर जाने या बाहर से लोगों को बुलाने में एहतियात बरती। संक्रमण की मौजूदा देखते हुए यह जरूरी था। वैसे, फोन और वाट्सएप समेत संचार के अन्य माध्यमों से लोगों ने एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। उनके बीच बातचीत में कोरोना और इसके कम होने पर मिलने का वादा प्रमुख था।

इस तरह की अभूतपूर्व स्थिति लगातार दूसरे वर्ष है। पिछले वर्ष भी ईद का त्योहार लाकडाउन के बीच आया था। हालांकि, पिछले वर्ष इतनी खराब स्थिति नहीं थी, जितनी की इस वर्ष है। इस बार घरों और काॅलोनियों तक में इस महामारी ने हाहाकार मचाया हुआ है। आस-पास काफी लोग संक्रमित हैं या लोगों का निधन हुआ है। ऐसे माहौल में लोगों ने ईद की खुशियों में सरोबार होने की जगह एक-दूसरे का ख्याल रखना और हालचाल जानना ज्यादा बेहतर समझा।

कई लोगों ने कोरोना से पीड़ित व जरूरतमंद लोगों को भोजन, कपड़े व अन्य जरूरी सामानों से मदद कर खुशियां बांटी। पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद के आस-पास मटिया महल, हवेली आजम खां, पहाड़ी धीरज, सुईवालान, सीताराम बाजार के साथ ही चांदनी चौक, चावड़ी बाजार, नई सड़क, बल्लीमारान समेत तुर्कमान गेट व दरियागंज में कुछ इसी तरह का माहौल देखने को मिला। सड़कों पर ज्यादा भीड़भाड़ नहीं थी।

लोग घरों में ही थे। जिला प्रशासन व दिल्ली पुलिस के लोग भी लोगों को इस संबंध में जागरूक कर रहे थे तथा उनसे घरों में ही ईद मनाने की अपील कर रहे थे। मस्जिदों से इसकी अपील भी हुई थी। धर्मगुरुओं ने भी बाहर निकलने से बचने की सलाह दी थी। ईद के मौके पर गंगा-यमुना तहजीब की धारा भी देखने को मिली।

पंचकुइयां रोड स्थित दृष्टिबाधित विद्यालय में स्थानीय आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों ने जाकर ईद की बधाईयां दी तथा खाने-पीने के सामान बांटे। इसमें शामिल प्रीतम धारीवाल बताया कि माहौल काफी भावुक था। एक छात्र सरफराज ने दुर्गा स्तुति का सस्वर पाठ कर माहौल को भावुक बना दिया। लोगों ने आपसी भाईचारे की मजबूती का संकल्प दोहराया। बाड़ा हिंदूराव निवासी मो गुफरान ने बताया कि लोगों ने इस रमजान माह के साथ ही ईद पर खास एहतियात बरती। घरों के भीतर या छत पर नमाज अदा की। इसके साथ ही बाहर निकले या लोगों से मिलने जुलने में परहेज किया।

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