राजधानी की सड़क पर बस से सफर करने वाले हो जाएं होशियार, 3664 बसों की आयु हो चुकी पूरी, हट जाएंगी बसें
भाजपा का कहना है कि दिल्ली सरकार सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत करने को लेकर दिल्ली सरकार गंभीर नहीं है। सरकार की लापरवाही व अदूरदर्शिता की वजह से कुछ माह बाद राजधानी सार्वजनिक परिवहन की समस्या और बढ़ेगी। नियम के अनुसार सभी बसें सड़क से हट जाएंगी।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। भाजपा का कहना है कि दिल्ली सरकार सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत करने को लेकर दिल्ली सरकार गंभीर नहीं है। सरकार की लापरवाही व अदूरदर्शिता की वजह से कुछ माह बाद राजधानी सार्वजनिक परिवहन की समस्या और बढ़ेगी। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की 3664 बसों की आयु सितंबर तक पूरी हो जाएगी। नियम के अनुसार इन सभी बसों को सड़क से हटानी पड़ेगी।
भाजपा का कहना है कि राजधानी में इस समय 15 हजार बसों की जरूरत है। इसके विपरीत डीटीसी और क्लस्टर की मिलाकर बमुश्किल छह हजार बसें चल रही हैं। आम आदमी पार्टी (आप) ने बसों की कमी दूर करने का वादा किया था, लेकिन आज तक एक भी बस नहीं खरीदी गई। भ्रष्टाचार के आरोप के कारण एक हजार लो फ्लोर बसें खरीदने की प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी गई है। वहीं, आयु पूरी कर चुकी बसों को चलाने से दिल्ली के लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ होगा।
बिधूड़ी का कहना है कि आयु पूरी करने वाली बसों को सड़क से हटाने के बाद लोग मजबूरन निजी वाहन से सफर करेंगे जिससे जाम की समस्या बढ़ेगी। ज्यादा वाहनों के सड़क पर आने से वायु प्रदूषण भी बढ़ जाएगा। सड़क दुर्घटना का खतरा भी बढ़ेगा। उपराज्यपाल को इस मामले में हस्तक्षेप करके दिल्लीवासियों की परेशानी दूर करनी चाहिए। यदि अभी से कदम नहीं उठाए गए तो दो माह बाद समस्या गंभीर हो जाएगी।
उन्होंने तत्काल पांच हजार नई बसें खरीदने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस स्कूल बंद हैं और स्कूल बसों का सदुपयोग किया जा सकता है। इसी तरह से निजी संचालकों से बसों की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बसों के रखरखाव का काम डीटीसी को दी जानी चाहिए।