होम आइसोलेशन में रहने वालों को 24 घंटे के अंदर डाक्टरी सलाह और आक्सीमीटर मुहैया कराने से मिलेगी मदद

Home Isolation घर में रहने वाले मरीजों को समय पर बेहतर इलाज देकर हम अस्पतालों पर बोझ कम सकते हैं। इसी तरह से आक्सीजन व दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिए भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 11:55 AM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 12:09 PM (IST)
होम आइसोलेशन में रहने वालों को 24 घंटे के अंदर डाक्टरी सलाह और आक्सीमीटर मुहैया कराने से मिलेगी मदद
समय पर डाक्टर की सलाह नहीं मिलने से कई लोगों की तबीयत ज्यादा बिगड़ रही है।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली सरकार ने होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना मरीजों को 24 घंटे के अंदर फोन पर डाक्टरी परामर्श देने का फैसला किया है। इसके साथ ही जिन मरीजों के पास आक्सीमीटर नहीं होगा उन्हें यह उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार के इस कदम से मरीजों को लाभ होगा। इस समय राजधानी में हजारों की संख्या में लोग होम आइसोलेशन में रहकर इलाज करा रहे हैं। अधिकारी इन मरीजों के बेहतर देखभाल करने का दावा करते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और है। समय पर डाक्टर की सलाह नहीं मिलने से कई लोगों की तबीयत ज्यादा बिगड़ रही है।

पिछले वर्ष मरीजों को फोन पर इस तरह की सुविधा मिलती थी, लेकिन इस बार इसका अभाव है। मरीजों की न तो डाक्टर से बात होती है और न उन्हें किसी और तरह की जरूरी सलाह मिलती है। कुछ लोग अपने स्तर पर डाक्टर से परामर्श कर समय पर इलाज शुरू कर देते हैं, लेकिन अधिकांश मामले में मरीज के उपचार में देर हो जाती है। इसी तरह से अधिकांश मरीजों के पास आक्सीमीटर नहीं है। इस समय बाजार में आसानी से आक्सीमीटर नहीं मिल रहा है। इसके अभाव में मरीज शरीर में आक्सीजन के स्तर की जांच नहीं कर पाता है।

आक्सीजन का स्तर गिरने से मरीज की तबीयत ज्यादा बिगड़ जाती है। इस परेशानी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को होम आइसोलेशन प्रणाली को मजबूत करने के निर्देश जारी किए हैं।इसके अलावा कोरोनो जांच रिपोर्ट का भी पूरा विवरण रखा जाएगा, जिससे पता चल सके कि कितने लोगों का इलाज अस्पताल में और कितनों का होम आइसोलेशन में चल रहा है। पूरा विवरण होने से मरीजों के इलाज व जरूरत के अनुसार संसाधन की व्यवस्था करने में आसानी होगी। इस तरह की व्यवस्था पहले हो जानी चाहिए थी। कहीं न कहीं इसमें चूक हुई है। अब इसमें और कोताही नहीं होनी चाहिए। घर में रहने वाले मरीजों को समय पर बेहतर इलाज देकर हम अस्पतालों पर बोझ कम सकते हैं। इसी तरह से आक्सीजन व दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिए भी सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

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